विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट बीते रविवार 17 नवंबर रात्रि को शीतकाल हेतु बंद हो गए। आज मंगलवार को प्रात: सेना के बैंड के भक्तिमय धुनों तथा बदरी विशाल के उद्धघोष के साथ आदि गुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी आज दोपहर बाद योग बदरी पांडुकेश्वर से समारोह पूर्वक गद्दीस्थल नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ मंदिर पहुंच गयी है।
इस अवसर पर नृसिंह मंदिर जोशीमठ को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया था। इसी के साथ इस यात्रा वर्ष की बदरीनाथ धाम यात्रा का समापन हो गया है।
देव डोली का ग्रीफ केंप सहित स्थान -स्थान पर श्रद्धालुओं द्वारा भव्य स्वागत हुआ। उद्धव एवं कुबेर शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे तथा बीते सोमवार 18 नवंबर को पांडुकेश्वर प्रवास के बाद आज आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी रावल, धर्माधिकारी वेदपाठी सहित श्रद्धालुजन नृसिह मंदिर ज्योतिर्मठ पहुंच गये।