उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो चुकी है। यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप की पंजीकरण के लिए धर्म गुरुओं से सर्टिफिकेट मामले पर यूसीसी नियमावली समिति के सदस्य मनु गौड़ ने स्पष्ट किया कि ऐसा सिर्फ उन रिश्तों के मामलों में करना होगा, जिन रिश्तों के मध्य विवाह, प्रतिषिद्ध है, ऐसे रिश्तों का उल्लेख संहिता की अनुसूची 01 में स्पष्ट किया गया है।
ये दस्तावेज करने होंगे पेश
यूसीसी के तहत लिव इन पंजीकरण के समय सिर्फ निवास, जन्म तिथि, आधार और किराएदारी के मामले में किराएदारी से संबंधित दस्तावेज ही प्रस्तुत करने होंगे। इसके अलावा जिन लोगों का पहले तलाक हो चुका है उन्हें विवाह खत्म होने का कानूनी आदेश प्रस्तुत करना होगा। साथ ही जिनके जीवन साथी की मृत्यु हो चुकी है, या जिनका पूर्व में लिव इन रिलेशनशिप समाप्त हो चुका है, उन्हे इससे संबंधित दस्तावेज पंजीकरण के समय देने होंगे।
प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर करा सकेंगे पंजीकरण
यूसीसी सदस्य मनु गौड़ ने बताया कि जिन समाजों में प्रतिषिद्ध श्रेणी के रिश्तों में विवाह होता है, वो भी धर्मगुरुओं के प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। इस तरह इसका उद्देश्य किसी के भी पंजीकरण को रोकने के बजाय, उसे पंजीकरण में सहायता प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि धर्मगुरुओं के प्रमाणपत्र के फॉर्मेट को भी इसमें स्पष्ट तौर पर बताया गया है।
उत्तराखंड में एक साल से रहने वाला व्यक्ति करा सकता है पंजीकरण
मनु गौड़ ने बताया कि यूसीसी के तहत उत्तराखण्ड में एक साल से रहने वाला कोई भी व्यक्ति अपना पंजीकरण करवा सकता है। इस समय अवधि का मूल निवास या स्थायी निवास से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मूल और स्थायी निवासी पर ही लागू होता तो अन्य राज्यों से आने वाले बहुत सारे लोग इसके दायरे से छूट जाते।
वो दूसरे राज्यों में विवाह करते, यहां पर सरकारी योजनाओं के लाभ लेते। यूसीसी एक्ट में निवासी की परिभाषा सिर्फ यूसीसी से संबंधित विषयों के लिए दी गई है, इसके लिए भी पांच श्रेणियां तय की गई हैं। इसका मकसद उत्तराखण्ड में रहने वाले सभी लोगों को यूसीसी के तहत पंजीकरण की सुविधा देने के साथ ही सरकार के डेटा बेस को ज्यादा समृद्ध बनाना है।
मूल निवास या स्थायी निवास से नही कोई संबंध
मनु गौड़ ने बताया कि यह एक तरह से वोटर कार्ड तरह ही है, जिसका मूल निवास या स्थायी निवास से कोई संबंध नहीं है। यूसीसी के तहत भरे जाने वाले फॉर्म में कई सारे विकल्प दिए गए हैं, इसलिए फार्म 16 पेज का हो गया है, बावजूद इसके फार्म को ऑनलाइन तरीके से भरने में पांच से दस मिनट का ही समय लगेगा। फॉर्म को विस्तृत रखा गया है, ऑफ लाइन तरीके से भी इसे अधिकतम आधे घंटे में भरा जा सकता है। वेबपोर्टल में आधार डालते ही विवरण खुद ही आ जाएगा, इसलिए ऑनलाइन पंजीकरण बेहतर सुविधा जनक है।