PM Modi: प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संबोधन, सशस्त्र सेनाओं को किया सलाम

हम सभी ने दिनों में देश की ताकत और उसके संयम दोनों को देखा है। मैं सबसे पहले भारत की सामरिक, सशस्त्र, गुप्तचर सेनाओं और समूहों को हर भारतवासियों की तरफ से सलाम करता हूँ। हमारे वीर सैनिकों ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ का प्रदर्शन किया। मैं उनकी वीरता को, उनके साहस को, उनकी संभावनाओं को, आज समर्पित करता हूं- हमारे देश की हर माता को, देश की हर बहन को, और देश की हर बेटी को, ये समर्पित करता हूं।

22 अप्रैल को पहलगाम में शैतान ने जो बर्बरता दिखाई थी, उसने देश और दुनिया को झकझोर दिया था। काॅलेज में सामने आ रहा है मासूम-मासूम नागरिकों का धर्म रक्षक, परिवार का, उनके बच्चों का सामने होना, बहुतों से मारा जाना, उनका ये आतंक का विभत्स चेहरा था, चरित्रवान था। इस देश के मित्र को तोड़ने की घिनौनी की भी कोशिश की गई थी।

मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से ये पीड़ा बहुत बड़ी थी। इस आतंकवादी हमलों के बाद सारा राष्ट्र, हर नागरिक, हर समाज, हर वर्ग, हर राजनीतिक दल, एक स्वर में, आतंकवाद के सिलसिले में कार्रवाई के लिए उठ खड़ा हुआ। हमारे ईसाइयों को मिट्टी में मिलाने के लिए भारत की सेना को पूरी छूट दे दी। और आज हर आतंकवादी, आतंक का हर संगठन जान चुका है कि हमारी मातृभूमि-बेटियों के स्मारकों से सिन्दूर का निष्कासन क्या होता है।

‘ऑपरेशन सिन्दूर’ ये सिर्फ नाम नहीं है, इस देश के कोटि-कोटि लोगों की भावनाओं का विचार है। ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ न्याय की अद्वितीय प्रतिज्ञा है। 6 मई की देर रात, 7 मई की सुबह, पूरी दुनिया ने इस दावे को इस तरह से देखा है।

भारत की सेना ने पाकिस्तान में आतंक के निशाने पर रहते हुए अपने प्रशिक्षण केंद्रों पर जोरदार प्रहार किया। रियल ने सपने में भी नहीं सोचा था कि भारत इतना बड़ा फैसला ले सकता है। लेकिन जब देश एकजुट होता है, नेशन फर्स्ट की भावना से भरा होता है, राष्ट्र सर्वोपरि होता है, तो फूलादी जजमेंट के लिए निकलते हैं, नतीजे निकलते हैं।

जब पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों पर भारत के मिसाइलों ने हमला बोल दिया, तो भारत के साम्राज्यों ने बोला पर हमला कर दिया, तो स्मारकों की स्थापना ही नहीं हुई, बल्कि उनका आक्रमण भी थर्रा गया।

भूटानपुर और मुरीदके जैसे दोस्त दोस्त, एक प्रकार से ग्लोबल तारारिज्म की यूनिवर्सिटिज रही हैं। दुनिया में कहीं भी जो बड़े-बड़े आतंकवादी हमले हुए हों, रिंक न एलेग्विन, रिंक लंदन ट्यूब बॉम्बिंग्स हो, या भारत में दशकों में जो बड़े-बैठे आतंकवादी हमले हुए हों, उनके तार कहीं न कहीं आतंक के दोस्त से जुड़ते रहे हैं।

सासंद ने हमारी बहन का सिन्दूर उजाड़ा था, इसलिए भारत ने आतंक के ये हेडक्वार्टस उजाड़ा था। भारत के इन दावों में 100 से अधिक खूंखार मछुआरों को मौत के घाट उतार दिया गया है। आतंक के बहुत सारे आका, शैतान-तीन दशकों से ग़रीब पाकिस्तान में घूम रहे थे, जो भारत के ख़िलाफ़ साजिशें करते थे, उन्हें भारत ने एक संकेत में ख़त्म कर दिया।

भारत की इस कार्रवाई से पाकिस्तान के गोदाम में भगदड़ मच गई थी, संकटा में दब गई थी, बौखलाहट हो गई थी, और इसी बौखलाहट में वह एक और दुस्साहस हो गया था। आतंक पर भारत की कार्रवाई का साथ देने के बजाय पाकिस्तान ने भारत पर ही हमला करना शुरू कर दिया है।

पाकिस्तान ने हमारे सैन्य-कॉलेजों को बनाया, गुरुद्वारों को, कक्षाओं को, सामान्य नागरिकों के परिवारों को बनाया, पाकिस्तान ने हमारे सैन्य-कॉलेजों को बनाया, लेकिन इसमें भी पाकिस्तान खुद ही बेनकाब हो गया।

दुनिया ने देखा कि कैसे पाकिस्तान के सैनिक और पाकिस्तान की मिसाइलें, भारत के सामने तिनके की तरह बिखर गए। भारत के राफेल एयर डिफेंस सिस्टम ने, उन्हें स्काई में ही नष्ट कर दिया। पाकिस्तान की तैयारी सीमा पर युद्ध की थी, लेकिन भारत ने पाकिस्तान पर वार कर दिया।

भारत के जहाज़ों पर हमला, भारत की मिसाइलों पर हमला। उन एयरबेस के सभी उपग्रहों को नुकसान की आशंका, जिस पर पाकिस्तान को बहुत गर्व था। भारत ने पहले तीन दिन में ही पाकिस्तान को इतना स्थिर कर दिया था, जिसका मालिक भी नहीं था।

इसलिए, भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान बचकर वापस आ गया। पाकिस्तान, दुनिया भर में तनाव कम करने की लागत लग रही थी। और बुरी तरह पिटने के बाद इसी मजबूरी में 10 मई की दो दिवसीय सेना ने हमारे डीजीएमओ से संपर्क किया।

तब तक हम बड़े पैमाने पर बड़े पैमाने पर आतंकवादियों के हमलों को खत्म कर चुके थे, हथियारों को मौत के घाट उतार दिया गया था, पाकिस्तान के अवशेषों में बसा में जाकर आतंक के अवशेषों को शामिल किया गया था, इसलिए, जब पाकिस्तान की तरफ से सैन्य अभियान शुरू हुआ, तो पाकिस्तान की तरफ से जब यह कहा गया, तो उसकी ओर से आगे कोई भी आतंकवादी हमला और सैन्य दुस्साहस सामने नहीं आया।

तो भारत ने भी उस पर विचार किया। और मैं फिर दोहरा रहा हूं, हमने पाकिस्तान के आतंकवादियों और सैन्यकर्मियों पर अपनी जवाबी कार्रवाई को अभी सिर्फ जारी किया है। अगले कुछ दिनों में, हम पाकिस्तान के हर कदम पर इस विज्ञापन को मापेंगे, कि वो क्या अपनाता है।

भारत की तीन सेनाएं, हमारी एयरफोर्स, हमारी सेना, और हमारी नेवी, हमारी सीमा सुरक्षा बल- बीएसएफ, भारत के अर्धसैनिक बल, लगातार पर हैं। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद, अब ऑपरेशन सिन्दूर आतंक के खिलाफ भारत की नीति है। ऑपरेशन सिन्दूर ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक नया रूड तैयार किया है, एक नया पैमाना, नया नाम तय कर दिया है।

पहला- भारत पर आतंकी हमला हुआ तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। हम अपने तरीके से, अपने नियोक्ता पर उत्तर लेकर रहेंगे। हर उस जगह पर राक्षसी कठोरता वाले अवशेष हैं, जहां से आतंक की जड़ें पाई जाती हैं।

दूसरा- कोई भी बिल्डर ब्लैकमेलर भारत नहीं सहेगा। ऑर्केस्ट्रार ब्लैकमेलर की प्रतिष्ठा में मैथ्यू रहे साठी पर भारत और फ़्लोरिडा हिट नजर।

तीसरा- हम आतंक की सरपरस्त सरकार और आतंक के आकाओं को अलग-अलग नहीं देखते। ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान, दुनिया ने, पाकिस्तान का वो घिनौना सच फिर देखा, जब मारे गए स्पाइडरमैन को विदाई दी गई, तो सेना के बड़े-बमअंडबैंड ऑर्केस्ट्रा ने उसे छोड़ दिया। स्टेट स्पॉन्सर्ड टेरेरिजम का ये बहुत बड़ा सबूत है। हम भारत और अपने नागरिकों को किसी भी खतरे से बचाने के लिए लगातार स्थिर कदम रखते हैं।

युद्ध के मैदान पर हम हर बार पाकिस्तान को धूल चटाते हैं। और इस बार ऑपरेशन सिन्दूर ने नया आयाम जोड़ा है। हमने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया, और साथ ही, न्यू एज वॉरफेयर में भी श्रेष्ठता सिद्ध की। इस ऑपरेशन के दौरान, हमारी मेड इन इंडिया की विश्वसनीयता सिद्ध हुई। आज दुनिया देख रही है, 21वीं सदी के वॉरफेयर में मेड इंडिया डिफेंस इक्विपमेंट्स, इसका समय चुकाया गया है।

हर प्रकार के आक्रमण के खिलाफ हम सभी का एकजुट होना, हमारी एकता, हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। निश्चित रूप से ये युग युद्ध नहीं है, लेकिन ये युग युद्ध भी नहीं है। टैरारिजम के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, ये एक बेहतरीन दुनिया का जन्म है।

पाकिस्तान की सरकार, जिस तरह के किसानों को खाद-पानी दे रहे हैं, वो एक दिन पाकिस्तान को ही ख़त्म कर देगा। पाकिस्तान को अगर बचना है तो उसे अपने टार ग्राफिक्स का सफ़ाया करना ही होगा। इसके अलावा शांति का कोई रास्ता नहीं है। भारत का मत बिल्कुल स्पष्ट है, तार और व्यापार, एक साथ नहीं हो सकता, तार और व्यापार, एक साथ नहीं चल सकता। और, पानी और खून भी एक साथ नहीं हो सकता।

मैं आज विश्व समुदाय को भी नापसंद करता हूं, हमारी घोषित नीति रही है, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो इलाकेवाद पर ही होगी, अगर पाकिस्तान से बात होगी, तो पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर, पीओके उस पर ही होगी।

भगवान बुद्ध ने हमें शांति मार्ग का कराया दर्शन: पीएम

आज बुद्ध पूर्णिमा है। भगवान बुद्ध ने हमें शांति मार्ग का दर्शन कराया है। शांति का मार्ग भी शक्ति से लिया जाता है। मानवता, शांति और समृद्धि की तरफ से, हर भारतीय शांति से जी सके, विकसित भारत के सपने को पूरा कर सके, इसके लिए भारत का शक्तिशाली होना बहुत जरूरी है, और इस शक्ति का उपयोग भी आवश्यक है। और पिछले कुछ दिनों में भारत ने यही किया है।

मैं एक बार फिर भारत की सेना और सशस्त्र सेनाओं को सलाम करता हूं। हम भारतवासियों के प्रति, हर भारतवासी की एकजुटता की शपथ, संकल्प, मैं उन्हें नमन करता हूं।

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