पंच केदारों में से द्वितीय केदार मद्महेश्वर की देवडोली शनिवार को अपने शीतकालीन गद्दस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंच गयी है। जहां श्रद्धालुओं ने देवडोली पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। अब आगामी यात्रा काल तक भगवान मद्महेश्वर की पूजा अर्चना व दर्शन ओंकारेश्वर मंदिर में की जाएंगी।
बीती 20 नवंबर को मध्यमहेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने के बाद भगवान मद्महेश्वर जी की डोली देव निशानों के साथ रात्रि विश्राम के लिए प्रथम पड़ाव गौंडार पहुची। 21 नवंबर को राजकेश्वरी मंदिर, 22 नवंबर को गिरिया प्रवास के पश्चात आज शनिवार को 23 नवंबर शनिवार को मद्महेश्वर की देव डोली शीतका प्रधान पुजारी शिवशंकर लिंग सहित पुजारीगण, वेदपाठियों एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने मंगलचौंरी पहुंच कर भगवान मद्महेश्वर जी की डोली का स्वागत किया तथा पूजा अर्चना कर डोली पर स्वर्ण मुकुट चढाया।
मीडिया प्रभारी डा हरीश गौड़ बताया कि मद्महेश्वर यात्रा 2024 के समापन के बाद आज शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान मद्महेश्वर जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो गयी है।
इस मौके पर श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ को दानीदाताओं के सहयोग से 8 क्विंटल फूलों से सजाया गया। बताया कि इस यात्रा वर्ष 19 हजार 577 श्रद्धालुओं ने भगवान मद्महेश्वर जी के दर्शन किये।