उत्तराखण्ड में आयोजित होने वाले वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 में डेलीगेट्स के लिए भोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी।
कार्यक्रम में डेलीगेट्स के लिए उत्तराखण्ड के पारंपरिक व्यंजनों से सुसज्जित विशेष भोजन की व्यवस्था की गई है।
12 दिसंबर को मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, गहत की भरवा रोटी, राई की सब्जी, गहत की दाल/तुअर की दाल, लाल साठी भात, झंगोरे की खीर और टिमरू की चटनी परोसी जाएगी।
13 दिसंबर के मेन्यू में मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, पालक की काफली, उड़द की दाल, लाल साठी भात, बाल मिठाई, रोटने और भंगजीरे की चटनी शामिल हैं।
14 दिसंबर को मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, गहत की भरवा रोटी, आलू की थिच्वाणी, भट्ट की चुटकाणी, झंगोरे का भात, सिंगोरी मिठाई, केले के गुलगुले, सफेद भुने भट्ट और तिल की चटनी का स्वाद मिलेगा।
15 दिसंबर के मेन्यू में मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, तिल कुचाई, भट्ट की चुटकाणी, चंबा का राजमा, लाल साठी भात, घुगती, अस्के और पीली राई की चटनी रखी जाएगी।
कार्यक्रम में 12 दिसंबर 2024 सुबह के सांस्कृतिक कार्यक्रम में सुश्री कंचन भंडारी एवं साथी-मांगल गायन और उद्यांचल पर्वतीय कला समिति द्वारा छोलिया नृत्य।
12 दिसंबर के शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रम में नव हिमालय लोक कला समिति-कुमाऊंनी लोक नृत्य, ब्रह्मकमल सांस्कृतिक समिति-गढ़वाली लोक नृत्य, जौनसार बावर सांस्कृतिक गांव का रिवाज संस्था-जौनसारी लोक नृत्य एवं पदमश्री प्रीतम भरतवाण द्वारा जागर की सुंदर प्रस्तुति दी जाएगी।
इसके साथ ही 14 दिसंबर के शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रम में संस्कार सांस्कृतिक एवं पर्यावरण संरक्षण समिति-कुमाऊंनी लोक नृत्य, संगम सांस्कृतिक समिति-गढ़वाली लोकनृत्य, स्पर्श जनजाति सामाजिक एवं सांस्कृतिक संध्या-जौनसारी लोक नृत्य एवं संगीता ढौंडियाल द्वारा लोक गायन की प्रस्तुति दी जाएगी।