“वो चोटियाँ जहाँ आज तिरंगा लहराता है, वहाँ एक समय गोलियों की बौछार थी। पर हमारे वीरों ने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देकर भारत माता की शान बढ़ाई।” – इन्हीं शब्दों के साथ आगामी 26वें कारगिल विजय दिवस की तैयारी में उत्तराखंड के सभी जिलों में भावुक और गर्व से भरे विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।
1999 के कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना, प्रशासन और समाज के हर वर्ग ने एकजुट होकर देश के अमर बलिदानियों को नमन किया। इस आयोजन में सेना के वरिष्ठ अधिकारी, पूर्व सैनिक, प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में आम नागरिकों की भागीदारी रही।
कार्यक्रम के दौरान सेना जागरूकता अभियान शुरू किया गया। नायब सूबेदार और उनके साथियों ने सैनिक अनुशासन का प्रदर्शन करते हुए कारगिल युद्ध की कहानियों को साझा किया और शहीद परिवारों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया। यह क्षण हर किसी की आंखें नम कर गया।
शहीदों के परिजनों ने कहा कि पति, बेटा, भाई तो खो दिया, पर आज महसूस हुआ कि वो अकेले नहीं थे। पूरी भारतीय सेना उनके पीछे खड़ी थी और आज भी है।
सेना के जवानों ने भी कहा कि हम अपने वीर साथियों को भूले नहीं हैं, न कभी भूलेंगे। यह केवल कर्तव्य नहीं, हमारी भावना है कि हम उनके बलिदान को हर पीढ़ी तक पहुंचाएं।
कार्यक्रम का समापन वीर जवानों की जय और भारत माता की जय“ के नारों के साथ हुआ।