प्रदेश में वनाग्नि की रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण हेतु प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु ने आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश स्वीकृत नही किये जाने के साथ अन्य आदेश भी जारी किए है।
उन्होंने कहा विगत दिनों से तापमान में वृद्धि होने, समय में वर्षा न होने, आर्द्रता में कमी एवं लगातार Dry Spell (शुष्क मौसम) होने के कारण फॉरेस्ट फायर अलर्ट्स (विशेष रूप से लार्ज फॉरेस्ट फायर अलर्ट्स) प्राप्त हो रहे हैं तथा वनाग्नि की अधिक घटनायें प्रकाश में आ रही हैं एवं वनाग्नि घटनाओं में वृद्धि होने की प्रबल सम्भावना बनी हुई है। इसके दृष्टिगत वनाग्नि की रोकथाम एवं प्रभावी नियन्त्रण हेतु तत्काल प्रभाव से ये निर्देश निर्गत किये जाते हैं।
प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु की और से दिए गए निर्देश
1. वर्तमान वनाग्नि सत्र के दौरान वन विभाग, उत्तराखण्ड के किसी भी अधिकारी / कर्मचारी को किसी भी प्रकार का अवकाश (विशेष परिस्थितियों को छोड़कर) स्वीकृत न किया जाय।
2. वनाग्नि नियन्त्रण में लापरवाही पाये जाने पर संबंधित वनाधिकारियों/फील्ड अधिकारियों/कर्मचारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
3. अति संवेदनशील/संवेदनशील वन प्रभागों के प्रत्येक क्रू स्टेशनों पर यू-टीमों को आवश्यक उपकरणों/सामग्री सहित 24X7 तैनात करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। यह भी सुनिश्चित की जाय कि किसी भी क्रू स्टेशन पर ह्यूमन रिसोर्स / आवश्यक उपकरणों की कोई कमी न रहे।
4. वनाग्नि नियंत्रण/प्रबन्धन हेतु स्थानीय जन समुदाय का सक्रिय सहयोग प्राप्त करने हेतु अधिकाधिक संख्या में वृहद् प्रचार-प्रसार/बैठकें आदि कार्यक्रम संचालित किये जाय तथा स्थानीय स्कूलों/कॉलेजों में भी छात्र/छात्राओं को वनाग्नि रोकथाम हेतु जागरूकता/प्रचार-प्रत्तार कार्यक्रम आयोजित कराये जाय।
5. वनाग्नि की रोकथाम एवं प्रभावी नियन्त्रण हेतु विभिन्न स्तरों से पूर्व में निर्गत दिशा-निर्देशों का कढ़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाय।