बागेश्वर जिला चिकित्सालय में एक बच्चे की मृत्यु के मामले में हुई गंभीर लापरवाही पर स्वास्थ्य विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर दोषी चिकित्सकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। जिलाधिकारी की जांच रिपोर्ट और कारण बताओ नोटिस के उत्तरों पर विचार करने के बाद विभाग ने यह कठोर निर्णय लिया।
स्वास्थ्य सचिव ने दी चेतावनी
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद है और मुख्यमंत्री के निर्देश पर तुरंत कार्रवाई की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी को संवेदनशीलता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा, अन्यथा कठोर दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
दोषियों पर हुई कार्रवाई
- डॉ. तपन शर्मा, प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पर असंवेदनशीलता, एम्बुलेंस व्यवस्था में लापरवाही और प्रशासनिक अक्षमता का आरोप साबित होने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर निदेशक, कुमाऊं मंडल से संबद्ध किया गया।
- ईश्वर सिंह टोलिया और लक्ष्मण कुमार, 108 एम्बुलेंस चालक पर कर्तव्यों में उदासीनता के आरोप में एक माह तक कार्य से विरक्त रहने और अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए।
- महेश कुमार (नर्सिंग अधिकारी), हिमानी (नर्सिंग अधिकारी) और सूरज सिंह कन्नाल (कक्ष सेवक) पर कर्तव्यों में लापरवाही के चलते कठोर चेतावनी जारी की गई।
- डॉ. भूरेन्द्र घटियाल, चिकित्साधिकारी को संवेदनशीलता की कमी और उदासीनता के लिए कठोर चेतावनी दी गई।
- डॉ. अंकित कुमार, बाल रोग विशेषज्ञ पर संघर्षरत बालक के प्रति सहानुभूति न दिखाने का आरोप साबित होने पर उनके विरुद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने का आदेश दिया गया।
सरकार का सख्त संदेश
इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर सरकार के उस संकल्प को रेखांकित किया है कि जनता की स्वास्थ्य सेवाओं से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट कर दिया है कि स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार सर्वोच्च प्राथमिकता है और लापरवाह अधिकारी-कर्मचारी बख्शे नहीं जाएंगे।