उत्तराखण्ड में अतिवृष्टि एवं भूस्खलन जैसी आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के लिए अंतर-मंत्रालय केंद्रीय टीम ने सोमवार को विभिन्न जनपदों का स्थलीय एवं हवाई दौरा किया। टीम ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों की जमीनी स्थिति का अवलोकन करते हुए नुकसान का आकलन किया और प्रभावित लोगों से उनकी समस्याएं जानी।
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने टीम को आपदा से हुई क्षति और राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे राहत कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावितों की जीवन-यापन की स्थिति सामान्य बनाने के लिए राज्य सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है और केंद्र सरकार भी पूरा सहयोग कर रही है।
उत्तरकाशी का निरीक्षण
संयुक्त सचिव आर. प्रसन्ना के नेतृत्व में पहुँची टीम ने धराली, हर्षिल और मुखबा जैसे क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने टीम को जनहानि, संपत्ति, सड़क, पुल, बिजली व पेयजल लाइन, कृषि और पशुधन को हुई क्षति का ब्यौरा प्रस्तुत किया। टीम ने प्रभावितों से संवाद भी किया।
चमोली का निरीक्षण
दूसरी टीम ने निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में चमोली जिले के थराली, चेपड़ो, कोटडीप, इराड़ीबगड़, देवाल (मोपाटा) और नंदानगर क्षेत्रों का हवाई और स्थलीय सर्वेक्षण किया। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कुलसारी रिलीफ सेंटर में प्रस्तुतीकरण देकर आपदा से विभागवार हुई क्षति की जानकारी दी। उन्होंने भूस्खलन से मकानों और सड़कों पर मंडरा रहे खतरे के बारे में विस्तार से बताया।
आगे की कार्यवाही
टीम प्रभावित क्षेत्रों की वास्तविक क्षति का आंकलन कर रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपेगी। इसके बाद राहत पैकेज और पुनर्निर्माण की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
- आर. प्रसन्ना की टीम मंगलवार को रुद्रप्रयाग और पौड़ी गढ़वाल का निरीक्षण करेगी।
- डॉ. वीरेन्द्र सिंह की टीम बागेश्वर और नैनीताल जिलों का दौरा करेगी।
सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया कि मंगलवार शाम को दोनों दल देहरादून लौटेंगे और विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेंगे।