राज्य सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों की मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्यों को तेज़ी से अंजाम देने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण शासनादेश जारी किया है। इसके अंतर्गत राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के तहत आने वाले कार्यों की स्वीकृति हेतु जिलाधिकारियों एवं मण्डलायुक्तों के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों की सीमा बढ़ा दी गई है।
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन द्वारा यह शासनादेश जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि अब जिलाधिकारियों को ₹20 लाख से ₹1 करोड़ तक की और मण्डलायुक्तों को ₹1 करोड़ से ₹5 करोड़ तक की परियोजनाओं की स्वीकृति देने का अधिकार प्राप्त होगा। पहले यह सीमा मण्डलायुक्तों के लिए ₹20 लाख से ₹50 लाख तक ही थी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्णय को आपदा राहत कार्यों की गति बढ़ाने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि वित्तीय अधिकारों में वृद्धि से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक जन सुविधाओं की शीघ्र बहाली संभव हो सकेगी और पीड़ितों को त्वरित राहत प्रदान की जा सकेगी।
यह निर्णय राज्य कैबिनेट द्वारा पूर्व में लिये गए निर्णयों के अनुपालन में लिया गया है और इसका उद्देश्य प्रशासन को अधिक सक्षम बनाना तथा स्थानीय स्तर पर त्वरित निर्णय लेने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।