उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में भारी बारिश और भूस्खलन से उत्पन्न आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मौसम की विषम परिस्थितियों के बीच आपदाग्रस्त क्षेत्र का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री ने मौके पर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी प्रभावितों तक समयबद्ध तरीके से राहत सामग्री पहुंचाई जाए। उन्होंने बताया कि राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए दो हेलीकॉप्टरों के माध्यम से खाद्य सामग्री व अन्य आवश्यक वस्तुएं धराली पहुंचाई गईं हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने फोन पर ली अपडेट
इस आपदा को लेकर आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात की और राहत कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि राज्य सरकार पूरी तत्परता के साथ राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई है। लगातार हो रही वर्षा के कारण कुछ चुनौतियाँ बनी हुई हैं, लेकिन सभी एजेंसियाँ समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है।

केंद्र ने भेजे चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि राज्य सरकार की मांग पर केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़, सरसावा और आगरा से 02 चिनूक और 02 एमआई-17 हेलीकॉप्टर आज सुबह जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर भेजे गए हैं। भारी मशीनरी को चिनूक हेलीकॉप्टर के माध्यम से आपदाग्रस्त क्षेत्र में भेजा जा रहा है ताकि सड़क मार्ग शीघ्र बहाल किया जा सके।
सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और बीआरओ जुटे राहत कार्य में
राहत कार्यों में सेना के 125 जवान, ITBP के 83 अधिकारी व जवान, बीआरओ के 6 अधिकारी व 100 से अधिक मजदूर बाधित मार्गों को खोलने में जुटे हुए हैं। एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व विभाग और एनआईएम की टीमें भी कार्यरत हैं।

स्वास्थ्य सेवाएं भी सतर्क
स्वास्थ्य विभाग द्वारा दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में आपदा पीड़ितों के लिए बेड आरक्षित किए गए हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें उत्तरकाशी भेजी गई हैं, साथ ही मनोचिकित्सकों को भी आपदाग्रस्त क्षेत्र में भेजा गया है ताकि मानसिक तनाव झेल रहे लोगों को परामर्श मिल सके।
राहत शिविर और संचार व्यवस्था की बहाली
प्रशासन द्वारा इंटर कॉलेज हर्षिल, जीएमवीएन और झाला में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। क्षेत्र में बिजली और संचार नेटवर्क की बहाली के प्रयास भी युद्धस्तर पर चल रहे हैं। लिम्चागाड़ में अस्थायी पुल का निर्माण एनआईएम और एसडीआरएफ द्वारा किया जा रहा है।
उच्चस्तरीय अधिकारी मौके पर
राज्य सरकार द्वारा तीन आईएएस अधिकारियों, दो आईजी और तीन एसएसपी स्तर के आईपीएस अधिकारियों को आपदा राहत कार्यों में समन्वय के लिए उत्तरकाशी भेजा गया है।