देशभर में कोविड के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विभाग को अलर्ट मोड़ पर रहने के निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंनेअधिकारियों को सभी तैयारियां पुख्ता रखने को कहा गया है। इसके अलावा शासन स्तर पर सचिव और जिलों में मुख्य चिकित्साधिकारियों को कोरोना के सम्भावित मामलों की मॉनिटिरिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आम लोगों से अपील करते हुये कहा कि वह कोरोना को लेकर पेनिक न हों, सरकार किसी भी परिस्थिति से निपटने को पूरी तरह से तैयार है।
मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि देशभर में कोविड का नया वैरिएंट तेजी से बढ़ रहा है, जिसको देखते हुये राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड़ पर रहने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग किसी भी परिस्थिति से निपटने को पूरी तरह से तैयार है लेकिन इसके बावजूद सतर्कता बरतना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि पुराने अनुभवों का फायदा लेते हुये विभागीय अधिकारियों को सभी तैयारियां पुख्ता रखने को कहा गया है। कोविड की समुचित रोकथाम के लिये
उन्होंने अधिकारियों को सर्विलांस सिस्टम को सुदृढ़ करने, कोविड के लक्षणों से ग्रसित रोगी की अनिवार्य रूप जांच करने, कोरोना पॉजिटिव सैम्पल को होल जीनोम सिक्वेंसिंग जांच को भेजने के स्पष्ट निर्देश दिये हैं।
इसके अलावा कोविड से संबंधित सूचनाएं, जांच, पॉजिटिव रोगियों की संख्या, हॉस्पिटलाईजेशन आदि की दैनिक रिपोर्ट इंटिग्रेटेड हेल्थ इनफॉरमेशन पोर्टल, आई.डी.एस.पी पर अनिवार्य रूप से दर्ज करने को भी अधिकारियों को कहा है।
मंत्री डॉ. रावत ने कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण व चिकित्सा इकाईयों में पर्याप्त चिकित्सकीय सुविधाएं सुनिश्चित कराने के लिये महानिदेशलय स्तर पर एक नोडल अधिकारी तैनात करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये।
उन्होंने शासन स्तर पर स्वास्थ्य सचिव और जिलों में मुख्य चिकित्साधिकारियों को कोरोना की नियमिति मॉनिटिरिंग करने के निर्देश दिये, ताकि कोरोना के सम्भावित मामलों की निगरानी और जांच व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा सके।
डॉ. रावत ने सचिव को भारत सरकार की ओर स जारी गाइडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिये, साथ ही कोरोना से निपटने के लिये जनपदवार बैठक कर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने को भी कहा।
इसके अलावा डॉ. रावत ने चिकित्सा इकाईयों में दवाओं, ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर के पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने, ऑक्सीजन प्लांट को एक्टिव रखने व अधिकारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के निर्देश भी विभागीय अधिकारियों को दिये।