रक्षामंत्री ने भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले हाईवे समेत विभिन्न परियोजनाओं का किया लोकार्पण, जवानों व बीआरओ के श्रमिकों का किया उत्साहवर्धन

जोशीमठ। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में सीमांत क्षेत्र जोशीमठ ढाक से बीआरओ द्वारा ₹670 करोड़ की लागत से निर्मित 35 इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसमें सात राज्यों की 6 सड़कें और 29 पुल शामिल हैं। रक्षा मंत्री ने जिन परियोजनाओं का लोकार्पण किया उनमें उत्तराखण्ड में भारत चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी मार्ग पर ढाक ब्रिज, भापकुंड ब्रिज और सुमना-रिमखिम मोटर मार्ग पर रिमखिम गाढ ब्रिज शामिल हैं। इस दौरान रक्षामंत्री सेना के जवानों व बीआरओ के श्रमिकों से मिलकर उनका उत्साहवर्धन किया।

शुक्रवार को जोशीमठ में परियोजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने कहा कि किसी परियोजना को समय पर पूरा करना संगठन की प्रतिबद्वता के कारण संभव हुआ है। सीमावर्ती क्षेत्रों में सडकों के निर्माण से भौगोलिक हिस्सो को जोडने के साथ लोगों के दिलों को भी जोड़ने का काम किया है।

उन्होंने ने कहा कि हमने सशस्त्र बलों के बराबर बीआरओ के स्थायी नागरिक कर्मियों के लिए जोखिम और कठिनाई भत्ता सुनिश्चित किया है। ये कदम हमारे सशस्त्र बलों के कर्मियों, नागरिक कर्मचारियों और बीआरओ में सीपीएल के मनोबल को बढ़ाने में मदद करेंगे।

रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा मंत्री ने अपने परिवारों से दूर रहकर प्रतिकूल और कठिन इलाकों में कार्य करने के लिए बीआरओ जवानों की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि बीआरओ रक्षा बलों की रणनीतिक आवश्‍यकताओं को पूरा कर सीमावर्ती इलाकों में सड़कों और पुलों के निर्माण और उनके रखरखाव के जरिये सराहनीय सेवाएं प्रदान कर रही है।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह पता लगाने के लिए हमें अध्ययन की जरूरत है कि क्या सीमावर्ती राज्यों में प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ने में दुश्मनों का हाथ है। उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन अब केवल मौसम संबंधी घटना नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा है। कहा कि सीमा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मोदी सरकार का दृष्टिकोण पिछली सरकारों के दृष्टिकोण से अलग है।

हम सीमावर्ती क्षेत्रों को बफर जोन के रूप में नहीं मानते हैं। हमारे लिए वे हमारी मुख्यधारा का हिस्सा हैं। हम अपनी विकास यात्रा को समुद्र से सीमाओं तक ले जाना चाहते हैं। यही कारण है कि हम अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का निर्माण भी कर रहे हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के सीमावर्ती क्षेत्रों में अवसंरचना विकास कार्यों को गति प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राज्य के सामरिक, धार्मिक व पर्यावरणीय महत्व को समझते हुए बड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया है। उनके मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए हम ‘विकल्प रहित संकल्प‘ के साथ पूर्ण मनोयोग से काम कर रहे हैं।

इस दौरान सीडीएस लेफ़्टिनेंट जनरल अनिल चौहान,बीआरओ महानिदेशक रघु श्रीनिवासन, गढ़वाल सांसद तीरथ सिहं रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, जिला अध्यक्ष रमेश मैखुरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवारअधिकारी और जवान मौजूद रहें।

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