उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग में डी-वाटरिंग शुरू करने को लेकर शनिवार को दोपहर बाद इंजीनियर व श्रमिक ऑगर मशीन से डाले पाइपों से सुरंग के अंदर गए। जिसके बाद पाइप से उन तक रेत से भरे 50 कट्टे भेजे गए। अधिकारियों का कहना है कि ये कट्टे दूसरी तरफ से मलबे के ऊपर लगाए जाएंगे। जिससे भूस्खलन के दौरान आए मलबे से मिट्टी गिरने का खतरा न रहे।
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, शनिवार को साढ़े तीन बजे इंजीनियर, एसडीआरएफ के जवान व श्रमिक को 800 एमएम के पाइपों से फिर 800 एमएम के पाइपों से फिर सुंरग के अंदर गए। जो शाम तक अंदर रहे। इस दौरान अंदर गई टीम ने डी-वाटरिंग पंपों की जांच, रिसाव से जमा पानी का स्तर चेक के साथ सुरक्षा व्यवस्था परखी। सूत्रों के अनुसार यह टीम अंदर कुछ कैमरे भी लगाएगी। जिससे डी-वाटरिंग शुरू होने पर अंदर नजर रखी जाएगी।
टीम को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए कंप्रेशर से हवा की आपूर्ति भी शुरू की गई है। एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया अंदर रेत से भरे 50 कट्टे डाले गए हैं। जो कि भूस्खलन के मलबे के ऊपर लगाए जाएंगे। जिससे मिट्टी करने का खतरा न रहे। बताया कि अंदर भी पुख्ता सुरक्षा इंतजाम कर जल्द डी-वाटरिंग शुरू की जाएगी।