ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बुधवार को बिना विधानसभा सत्र के चहल पहल नजर आई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिन में यहां उत्तराखण्ड के लिए प्रस्तावित भू कानून पर विचार विमर्श किया। साथ ही उंन्होने पलायन निवारण आयोग की बैठक की अध्यक्षता की। वहीं, रात्रि विश्राम के दौरान स्थानीय लोगों की समस्याओं का सुना।
आमतौर पर ग्रीष्मकालीन राजधानी में बजट सत्र के दौरान ही चहल पहल नजर आती है, लेकिन बुधवार को भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर एक बार फिर दिन भर राजकाज में डूबा रहा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहां सबसे पहले उच्चाधिकारियों और सेवानिवृत अधिकारियों के साथ उत्तराखण्ड के लिए प्रस्तावित भू कानून पर लंबा मंथन किया। इसके बाद पहाड़ों में पलायन रोकथाम के उद्देश्य से गठित पलायन निवारण आयोग की बैठक की अध्यक्षता की।
इसके तत्काल बाद उन्होंने राज्यस्तरीय ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशाला में प्रतिभाग किया। जिसमें प्रदेश के सभी हिस्सों से महिला स्वयं सहायता समूहों की प्रतिनिधि और ग्रामीण उद्यमी शामिल हुए। सीएम ने कार्यशाला में सभी के अनुभव और सुझावों का सुना।
यही नहीं, मुख्यमंत्री ने बुधवार को रात्रि विश्राम भी भराड़ीसैंण में ही किया। इस दौरान भी उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना। पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने बिना विधानसभा सत्र के भराड़ीसैंण में रात्रि विश्राम किया है। इससे अधिकारियों को ग्रीष्मकालीन राजधानी को लेकर स्पष्ट संदेश गया है।