बदरीनाथ धाम के कपाट 4 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। शुक्रवार को गाडू घड़ा, रावल अमरनाथ नंबूदरी सहित, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी एवं गरूड़ ने नृसिंह मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना के बाद सेना के बैंड की धुनों के साथ प्रथम पड़ाव पांडुकेश्वर प्रवास हेतु प्रस्थान किया।
इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने गरूड़ की डोली सहित आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी एवं रावल को बदरीनाथ धाम के लिए विदा किया।
शनिवार शाम को सभी देव डोलियां गरूड़, आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी एवं रावल सहित पांडुकेश्वर से उद्धव, कुबेर, गाडू घड़ा एवं रावल बदरीनाथ धाम पहुंचेंगे। रविवार 4 मई प्रात: 6 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट दर्शनार्थ खुलेंगे।
इस अवसर पर नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ में रावल अमरनाथ नंबूदरी एवं तेल कलश यात्रा में शामिल डिमरी पुजारीगण, नृसिंह मंदिर प्रभारी संदीप कपरवाण एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालू मौजूद रहे।