उत्तराखंड में धर्मांतरण की बढ़ती घटनाओं को लेकर राज्य सरकार ने अब कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर धर्मांतरण कानून को और अधिक कठोर बनाने के निर्देश दिए।
सनातन की भूमि पर डेमोग्राफिक परिवर्तन नहीं सहन
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड केवल एक सीमांत राज्य नहीं, बल्कि यह सनातन धर्म की पुण्यभूमि भी है। यहां डेमोग्राफिक परिवर्तन की किसी भी साजिश को सख्ती से रोका जाएगा।”
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संदिग्ध गतिविधियों पर सतत निगरानी रखी जाए। धर्मांतरण के जाल में फंसे लोगों को उचित परामर्श और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए ताकि वे सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।
ऑपरेशन कालनेमी रहेगा जारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में चलाया गया ‘ऑपरेशन कालनेमी’ धर्मांतरण कराने वाले संगठित गिरोहों के विरुद्ध प्रभावी हथियार साबित हुआ है। उन्होंने इस ऑपरेशन को जारी रखने के साथ-साथ इसकी सख्त निगरानी के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर एसआईटी गठित करने के निर्देश भी दिए।
कानून में होंगे संशोधन
धामी ने कहा कि हालिया घटनाओं को देखते हुए मौजूदा धर्मांतरण विरोधी कानून में संशोधन कर उसे और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। इसके लिए विधि विशेषज्ञों और सुरक्षा एजेंसियों से राय ली जाएगी। राज्य सरकार कानून का उल्लंघन करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शने के मूड में नहीं है।
गौरतलब है कि हाल ही में देहरादून और अन्य जिलों में पाकिस्तान और दुबई से जुड़े धर्मांतरण गिरोह के खिलाफ कई खुलासे हुए हैं। सोशल मीडिया और गेमिंग ऐप्स के जरिए भोले-भाले युवाओं को फंसाकर उनका धर्मांतरण कराए जाने के मामले सामने आए हैं।