Uttarakhand: संतानदायिनी माता अनसूया मंदिर में दो दिवसीय मेला शुरू, देव डोलियों के अद्भुत संगम से गूंजा पर्वत

संतानदायिनी माता अनसूया मंदिर परिसर बुधवार को भक्ति, आस्था और लोकसंस्कृति के रंगों से सराबोर हो उठा। माता अनसूया को समर्पित दो दिवसीय मेला विधिवत रूप से आरंभ हुआ, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। विभिन्न गांवों से आई मां भगवती की डोलियों ने मंदिर पहुंचकर परंपरागत ढोल-दमाऊं की थाप पर ऐसा दिव्य वातावरण निर्मित किया कि पूरा परिसर देवत्व से भर उठा।

दंपति पहुँचे संतान कामना लेकर

मंदिर परिसर में बहुत से दंपति संतान प्राप्ति की मनोकामना लेकर पहुंचे हैं। परंपरा के अनुसार ये दंपति रात में माता अनसूया के समक्ष जागरण करेंगे और आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

मेले का विधिवत शुभारंभ

मेले का उद्घाटन जिला पंचायत अध्यक्ष दौलत सिंह बिष्ट और बदरीनाथ विधायक लखपत बुटोला ने मंदिर गेट पर किया। इसके बाद बणद्वारा, देवलधार, कठूड़ और सगर गांव की ज्वाला देवी की डोलियां तथा मंडल और खल्ला गांव की मां अनसूया की रथ डोली सिरोली पहुंचे, जहां पूजा-अर्चना के बाद डोलियां अपराह्न तीन बजे मंदिर के लिए रवाना हुईं।
शाम साढ़े छह बजे देव-डोलियां मंदिर परिसर पहुँचीं, जहां श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। थापों की गूंज पर डोलियों का सामूहिक नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा।

मुख्य अतिथि रहे अनेक जनप्रतिनिधि

कार्यक्रम में राज्यमंत्री हरक सिंह, बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, भाजपा जिलाध्यक्ष गजपाल बर्त्वाल, जिला पंचायत सदस्य जय प्रकाश पंवार और ट्रस्ट समिति अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

अनसूया मंदिर को 20 कंबल दान

नंदप्रयाग के वैष्णव परिवार ने अत्यधिक ठंड को देखते हुए मंदिर समिति को 20 कंबल दान किए। नगर पंचायत की पूर्व अध्यक्ष डॉ. हिमानी वैष्णव ने ट्रस्ट अध्यक्ष भगत सिंह बिष्ट को कंबल सौंपे। समिति ने बताया कि वैष्णव परिवार मंदिर निर्माण में भी सहयोग दे चुका है।

किशन महिपाल देंगे सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ

पहले दिन की रात प्रसिद्ध लोकगायक किशन महिपाल अपनी टीम के साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। उनके आगमन से भक्तों में खास उत्साह है। विभिन्न संगठनों द्वारा निशुल्क भंडारे का आयोजन भी जारी है।

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