उत्तराखण्ड में युवाओं को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में प्रशिक्षित और सशक्त बनाने के उद्देश्य से युवा आपदा मित्र योजना के अंतर्गत एनएसएस स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण एसडीआरएफ जौलीग्रांट में शुरू हो गया है।
प्रशिक्षण का उद्घाटन सेनानायक अर्पण यदुवंशी ने किया। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में 13 अक्टूबर 2025 से मार्च 2026 तक चरणबद्ध रूप में आयोजित किया जाएगा।
11 जिलों से 4,310 युवा होंगे प्रशिक्षित
इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत प्रदेश के 11 जनपदों से कुल 4,310 स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें —
- एनएसएस : 850 स्वयंसेवक
- एनसीसी : 1,700 कैडेट्स
- नेहरू युवा केंद्र : 850 स्वयंसेवक
- भारत स्काउट्स एंड गाइड्स : 910 स्वयंसेवक शामिल हैं।
एसडीआरएफ जौलीग्रांट में 17 बैचों में कुल 1,220 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिनमें नेहरू युवा केंद्र के 576 और एनएसएस के 644 होंगे।
फर्स्ट एड से रोप रेस्क्यू तक
प्रथम बैच का 7 दिवसीय प्रशिक्षण 13 से 19 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें 35 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं।
उन्हें फर्स्ट एड, जनरल डिजास्टर मैनेजमेंट, सर्च तकनीक, रोप रेस्क्यू जैसे विषयों पर सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों प्रकार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सेनानायक अर्पण यदुवंशी ने कहा उत्तराखण्ड का संवेदनशील भौगोलिक स्वरूप प्रशिक्षित ‘आपदा मित्र’ युवाओं की उपस्थिति को अनिवार्य बनाता है।
वास्तविक परिस्थितियों का अभ्यास
प्रशिक्षण के दौरान भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्वयंसेवकों को
- आपदा के समय भारी वस्तुओं को उठाने,
- बाढ़ की स्थिति में नदी पार करने,
- और फंसे हुए पीड़ितों की खोज एवं बचाव कार्यों का अभ्यास कराया गया।
साथ ही, आंधी-तूफ़ान या बाढ़ जैसी स्थितियों में सुरक्षित स्थान पर पहुंचने, प्राथमिक उपचार देने, और टीम के साथ समन्वय बनाने की विधियां भी सिखाई गईं।
मॉक ड्रिल और एनसीसी प्रशिक्षण
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम में एनसीसी कैडेट्स को भूकंप और उससे बचाव के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी गई।
एनडीआरएफ टीम ने भूकंप अभ्यास (मॉक ड्रिल) आयोजित किया, जिसमें प्रतिभागियों ने भवनों के अंदर फंसे व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने का अभ्यास किया।
मास्टर ट्रेनर मनोज कंडियाल ने प्रतिभागियों को भूकंप से बचाव, प्राथमिक उपचार और आपदा के समय सावधानियों पर व्यावहारिक जानकारी दी।
युवाओं की भागीदारी से बढ़ेगी राज्य की आपदा क्षमता
कार्यक्रम में वीरेंद्र काला, दिगपाल लाल, अजय कुमार, और संदीप गोस्वामी सहित कई अधिकारी एवं प्रशिक्षक उपस्थित रहे।
यह प्रशिक्षण न केवल युवाओं को आपदा प्रबंधन में दक्ष बना रहा है, बल्कि उत्तराखण्ड को एक आपदा-प्रतिरोधी राज्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।