राज्य में हो रही लगातार अतिवृष्टि से उत्पन्न हालात को देखते हुए मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने समीक्षा की। उन्होंने संबंधित विभागों एवं जिलों के अधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेते हुए राहत, बचाव और पुनर्वास कार्यों की प्रगति पर चर्चा की।
मंगलवार को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि भारी वर्षा के कारण अनेक क्षेत्रों में सड़कें, पुल और अन्य सार्वजनिक परिसंपत्तियां क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। उन्होंने निर्देश दिए कि अवरुद्ध मार्गों को तत्काल खोला जाए, साथ ही पेयजल, बिजली और दूरसंचार सेवाओं को प्राथमिकता पर बहाल किया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं और आवश्यक राहत सामग्री की आपूर्ति भी तुरंत सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं आपदा की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने देहरादून जनपद के मालदेवता और केसरवाला क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की और प्रभावित नागरिकों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
मुख्य सचिव ने कहा कि शासन और प्रशासन की टीमें पूरी सक्रियता के साथ फील्ड में काम कर रही हैं। नदियों के जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। उन्होंने सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए प्रभावित नागरिकों की समस्याओं का तत्काल समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
इस दौरान सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन भी अपनी टीम के साथ नियंत्रण कक्ष पहुंचे। उन्होंने बताया कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र मंगलवार तड़के से ही सक्रिय है और जिलों के साथ लगातार संपर्क में रहते हुए जलभराव, भूस्खलन, मार्ग अवरोध जैसी समस्याओं की जानकारी लेकर तत्काल समाधान कराया जा रहा है। उन्होंने पेयजल, बिजली, संचार सेवाओं और चिकित्सा सहायता पर विशेष प्राथमिकता से कार्य करने के निर्देश दिए।
नियंत्रण कक्ष में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबेदुल्लाह अंसारी तथा यूएसडीएमए के विशेषज्ञ मौजूद रहे और विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया।
सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं। राहत दलों को अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। लापता लोगों की तलाश के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, जबकि खतरे वाले स्थानों से लोगों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया गया है। जिला प्रशासन प्रभावित नागरिकों की सभी आवश्यकताओं का ख्याल रख रहा है।