उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने ग्रेप-4 पॉलिसी के चलते बीएस-3 और बीएस-4 बसों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक को ध्यान में रखते हुए ठोस कदम उठाए हैं। वर्तमान में निगम के पास 180 बीएस-6 सीएनजी बसें हैं, जिन्हें दिल्ली मार्ग पर संचालित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, 12 वोल्वो बसों के फेरे बढ़ाए गए हैं और उनकी री-शेड्यूलिंग कर यात्रियों को सेवाएं दी जा रही है।
यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने 130 नई बीएस-6 बसें खरीदी हैं। इनमें से 77 बसें दिल्ली मार्ग पर पहले से ही संचालित हैं, जबकि शेष 53 बसें जल्द ही सेवा में लाई जाएंगी। संचालित बसों के फेरे भी बढ़ा दिए गए हैं, जिससे यात्रियों को यात्रा में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
दिल्ली में प्रवेश न कर सकने वाली बसों को यात्रियों की सुविधानुसार मोहन नगर और कौशांबी (दिल्ली बॉर्डर) तक पहुंचाया जा रहा है। वहां से यात्रियों को दिल्ली के अंदर ले जाने के लिए डीटीसी बसों के माध्यम से समन्वय स्थापित किया गया है। इससे दिल्ली जाने वाले यात्रियों की परेशानी को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड परिवहन निगम ने अपने सभी डिपो को अलर्ट मोड पर रखा है। निगम का लक्ष्य है कि उत्तराखण्ड से दिल्ली आने-जाने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। इन प्रभावी कदमों के परिणामस्वरूप यात्रियों के आवागमन की स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है। निगम यात्रियों को निर्बाध सेवा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है।