लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आगामी 31 अक्टूबर को गुजरात के एकता नगर स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सम्मुख राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह में आयोजित होगा। जिसमें उत्तराखण्ड की भव्य झांकी अष्ट तत्त्व और एकत्व प्रदर्शित की जाएगी।
इस झांकी के माध्यम से देवभूमि उत्तराखण्ड की आध्यात्मिक विरासत, प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता और विकास की दिशा में राज्य की प्रगतिशील सोच को एक सूत्र में पिरोकर प्रस्तुत किया जाएगा। परेड के दौरान राज्य के लोक कलाकार उत्तराखण्ड की समृद्ध लोक-संस्कृति पर आधारित मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत करेंगे।
देश के आठ चुनिंदा राज्यों में हुआ उत्तराखण्ड का चयन
सूचना विभाग, उत्तराखण्ड के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि गृह मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने कई चरणों में विचार-विमर्श और परीक्षण के बाद देश के केवल आठ राज्यों की झांकियों को चयनित किया है, जिनमें उत्तराखण्ड को भी शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि अष्ट तत्त्व और एकत्व झांकी एकता, संतुलन और सतत विकास की भावना का प्रतीक है। इसमें उत्तराखण्ड के दिव्य धार्मिक स्थलों, हिमालयी प्राकृतिक सौंदर्य, लोक कला और संस्कृति, पारंपरिक स्थापत्य और आधुनिक प्रगति के समन्वय को रेखांकित किया गया है।
झांकी की तैयारी अंतिम चरण में
राज्य की झांकी के नोडल अधिकारी एवं सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक केएस चौहान के निर्देशन में झांकी का निर्माण और प्रस्तुति की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
श्री चौहान ने बताया कि उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को जीवंत करने के लिए चौदह सदस्यीय कलाकार दल पारंपरिक लोक नृत्य की प्रस्तुति देगा। बुधवार को आयोजित फुल ड्रेस रिहर्सल में राज्य की टीम ने सफलतापूर्वक प्रतिभाग किया।
एकता और संस्कृति का संगम बनेगा समारोह
एकता दिवस के इस राष्ट्रीय समारोह में उत्तराखण्ड की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रहने की उम्मीद है। अष्ट तत्त्व और एकत्व’ झांकी न केवल राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेगी, बल्कि यह संदेश भी देगी कि विविधता में ही एकता भारत की सबसे बड़ी शक्ति है।
