प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य आगमन पर महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने ज्ञापन सौंपने हेतु जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मिलने का समय मांगा। इससे पूर्व प्रधानमंत्री से मिलने जा रही कांग्रेस महिला कार्यकर्ताओं पुलिस ने रायपुर महाराणा प्रताप चौक पर रोक दिया। ज्ञापन में राज्य में आई भीषण प्राकृतिक आपदाओं, जन-धन की क्षति और लंबे समय से उपेक्षित जनहित मुद्दों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गई है।
प्रमुख मांगें और जनहित बिंदु
- उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए– पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटने, भूस्खलन और अतिवृष्टि से हुई तबाही को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा का दर्जा मिले।
- 20,000 करोड़ का आपदा राहत पैकेज- पुनर्निर्माण, पुनर्वास और त्वरित राहत कार्यों के लिए केंद्र से विशेष आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
- विशेष राज्य का दर्जा बहाल किया जाए- भौगोलिक, पर्यावरणीय और सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए उत्तराखण्ड को पुनः विशेष राज्य का दर्जा मिले।
- स्थानीय युवाओं को 85% आरक्षण- सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं को प्राथमिकता दी जाए।
- अंकिता भंडारी हत्याकांड की सीबीआई जांच- तीन साल से लंबित इस संवेदनशील मामले में वीआईपी आरोपी का नाम सामने न आने से न्याय पर प्रश्नचिन्ह हैं।
- अग्निवीर योजना की समाप्ति- युवाओं के हित में पुरानी सैन्य भर्ती प्रणाली को पुनः लागू किया जाए।
- ग्रीन बोनस की स्वीकृति- पर्यावरण संरक्षण में योगदान के आधार पर उत्तराखण्ड को विशेष आर्थिक प्रोत्साहन मिले।
श्रीमती रौतेला ने कहा कि उत्तराखण्ड की जनता ने प्रधानमंत्री पर विश्वास कर उन्हें प्रचंड बहुमत दिया था, लेकिन आज वही जनता उपेक्षित और ठगा हुआ महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि यह समय है जब प्रधानमंत्री को देवभूमि की पुकार सुननी चाहिए और ठोस निर्णय लेने चाहिए।
महिला कांग्रेस ने ज्ञापन के माध्यम से प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वे इन जनहित के मुद्दों पर त्वरित और सकारात्मक निर्णय लें, जिससे उत्तराखण्ड की जनता को राहत, सम्मान और न्याय मिल सके।