उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य सरकार पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने तराई बीज विकास निगम की परिसम्पत्तियों की नीलामी को एक सुनियोजित घोटाला बताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कृषि मंत्री गणेश जोशी से तत्काल इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों के हित में कार्य करने वाली निगम को जानबूझकर संकट में धकेल कर उसकी परिसंपत्तियों को औने-पौने दामों में नीलाम कर दिया गया है।
माहरा ने कहा कि तराई बीज विकास निगम न केवल उत्तराखंड, बल्कि उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों को भी उत्तम किस्म के बीज उपलब्ध कराने में अग्रणी रहा है।
उन्होंने दावा किया कि निगम की हजारों करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां महज ₹6.5 करोड़ में नीलाम की गईं, जबकि मशीनें चालू हालत में थीं और उनका कबाड़ भाव में बेचना घोर भ्रष्टाचार को दर्शाता है।
कृषि मेले के ठेके में भी घोटाले के आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष ने देहरादून स्थित महिंद्रा ग्राउंड में प्रस्तावित “एग्री मित्र उत्तराखंड-2025” कृषि मेले में भी भारी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जिस ठेकेदार को यह कार्य सौंपा गया, उसने 9 जून को ही कार्यस्थल पर काम शुरू कर दिया जबकि टेंडर 11 जून की रात 9:30 बजे खुलना था। इससे यह स्पष्ट होता है कि टेंडर केवल दिखावे के लिए था और ठेका पूर्व निर्धारित योजना के तहत मनपसंद ठेकेदार को सौंपा गया।
भ्रष्ट कर्मचारियों को समिति में किया गया शामिल
माहरा ने यह भी आरोप लगाया कि नीलामी प्रक्रिया के लिए गठित समिति में न तो किसी अंशधारक प्रतिनिधि को शामिल किया गया और न ही पारदर्शिता का ध्यान रखा गया। इसके बजाय, भ्रष्टाचार के चलते जेल जा चुके एक कर्मचारी को समिति में स्थान दिया गया। यह दर्शाता है कि प्रक्रिया पूर्णतः पक्षपातपूर्ण और अपारदर्शी थी।
सरकारी संस्थानों को नष्ट करने का आरोप
कांग्रेस नेता ने कहा कि जिस तरह केंद्र सरकार अपने उद्योगपति मित्रों को सार्वजनिक संस्थानों को सौंप रही है, उसी प्रकार राज्य सरकार भी राज्य की संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपने का षड्यंत्र कर रही है। उन्होंने कहा कि यह किसानों और राज्य के संसाधनों के साथ अन्याय है।
उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से जांच की मांग
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की कि तराई बीज विकास निगम और कृषि मेले के ठेका घोटाले की जांच उत्तराखंड उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से कराई जाए। उन्होंने कृषि मंत्री गणेश जोशी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के तत्काल इस्तीफे की भी मांग की।
यह बयान कांग्रेस प्रदेश कार्यालय से जारी किया गया है और इससे राज्य की राजनीति में एक बार फिर घमासान शुरू हो गया है। अब देखना यह होगा कि सरकार इन आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देती है।
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