शीतकालीन प्रवास स्थलों में दर्शन यात्रा शुरू करने की पहल के लिये उत्तराखण्ड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के सदस्यों और पंडा पुजारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट की। उन्होंने इस पहल के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
गुरुवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के सदस्यों और पंडा पुजारियों से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की इस शीतकालीन यात्रा के सफल संचालन में चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के साथ अन्य सभी संबंधित संस्थानों एवं संगठनों आदि को भी सहयोगी बनना होगा।
उन्होने कहा कि शीतकालीन यात्रा का सफलतापूर्वक संचालन हो, इसके लिये सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। शीतकालीन यात्रा से राज्य की आर्थिकी को बढ़ाने में मदद मिलेगी तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
पंच बदरी व पंच केदार के साथ ही चारों धामों के शीतकालीन यात्रा प्रवास के आसपास के प्रमुख तीर्थ एवं पर्यटक स्थलों को विकसित करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये गये हैं। चारधाम यात्रा मार्गों के आबादी वाले क्षेत्रों में सुगम यातायात एवं पार्किंग की भी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिये गये हैं।
महापंचायत के सदस्यों और पंडा पुजारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उत्तराखण्ड के चारों धामों यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ एवं बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने के बाद इन धामों की शीतकालीन पूजा, मां यमुना की खरसाली (खुशीमठ), मां गंगा की मुखवा (मुखीमठ), केदारनाथ की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ एवं उद्धव व कुबेर की पूजा पांडुकेश्वर तथा शंकराचार्य के गद्दी स्थल ज्योतिर्मठ के नृसिंह मंदिर में की जाती है।
इस अवसर पर चारधाम महा पंचायत के अध्यक्ष एवं गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल,महापंचायत के महासचिव बृजेश सती, मीडिया प्रभारी रजनीकांत सेमवाल, गंगा पुरोहित सभा के अध्यक्ष संजीव सेमवाल, निखिलेश सेमवाल, अनिरुद्ध उनियाल, जगमोहन उनियाल, उमेश सती, प्रशांत डिमरी आदि उपस्थित थे।