केदारनाथ धाम की यात्रा में घोड़ों और खच्चरों के माध्यम से यात्री और माल ढुलाई की व्यवस्था के लिए दिशा-निर्देश लागू किये गए है। रुद्रप्रयाग के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बताया कि केवल पशु चिकित्सा जांच के बाद खच्चर व घोड़े केदारनाथ की ओर भेजे जा सकेंगे।
प्रशासन की ओर से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि घोड़ और खच्चर पूरी तरह स्वस्थ और यात्रा के योग्य हों, जिससे न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो बल्कि पशुओं की सेहत का भी विशेष ध्यान रखा जा सके।
पशु चिकित्सकों की विशेष टीमें तीन मुख्य स्थानों भीमबली, लिनचोली एवं रुद्रापॉइन्ट पर तैनात की गई है। ये टीमें प्रत्येक घोड़ और खच्चर की जांच करेंगी और केवल जांच में पूरी तरह स्वस्थ पाए गए पशुओं को ही आगे भेजा जाएगा।
पशु चिकित्सा विभाग की टीमों के साथ-साथ मल्टी टास्किंग फोर्स और पुलिस विभाग की टीम भी यहां पर मौजूद रहेगी और सहयोग प्रदान करेगी, ताकि प्रक्रिया सुचारु रूप से संपन्न हो सके।
इस व्यवस्था का ट्रायल शुरू हो चुका है। ट्रायल के रूप में दो स्वस्थ घोड़ों को जांच के बाद केदारनाथ भेजा गया है। यह पहल यात्रा मार्ग पर पशुओं की दशा और संक्रामक रोगों के प्रसार को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बताया कि यात्रा में लगे सभी पशुपालकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पशु यात्रा के मानकों के अनुरूप हों। साथ ही उन्हें निर्धारित जांच स्थलों पर पहुंच कर अनिवार्य चिकित्सकीय जांच करानी होगी।