उत्तराखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता और ज्वालापुर के पूर्व विधायक सुरेश राठौर को भारतीय जनता पार्टी ने छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी ने यह सख्त कार्रवाई राठौर के अमर्यादित आचरण, अनुशासनहीनता और सार्वजनिक रूप से यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) का मजाक उड़ाने को लेकर की है।
पूर्व विधायक सुरेश राठौर हाल ही में उस वक्त विवादों में आ गए जब उन्होंने पहली पत्नी और परिवार होते हुए भी सहारनपुर में एक महिला—अभिनेत्री उर्मिला सनावर से विवाह किया, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इस घटनाक्रम ने पार्टी की छवि पर नकारात्मक असर डाला, जिसके चलते पार्टी नेतृत्व ने संज्ञान लेते हुए उन्हें नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब देने को कहा था।
लंबे समय से चल रहा विवाद
उर्मिला सनावर और सुरेश राठौर के बीच विवाद और मुकदमों की लंबी श्रृंखला पहले से ही सोशल मीडिया में सुर्खियों में थी। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर कानूनी कार्रवाई भी की थी। हाल ही में वायरल हुए वीडियो में दोनों के विवाह की पुष्टि होने के बाद पार्टी की प्रतिष्ठा पर गहरा असर पड़ा।
भाजपा का सख्त रुख
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बिष्ट ने राठौर को जो नोटिस भेजा, उसमें कहा गया कि आपके आचरण की वजह से मीडिया व सोशल मीडिया में पार्टी की नकारात्मक छवि बन रही है। यह पूरी गतिविधि पार्टी के अनुशासनहीनता के दायरे में आती है।
पार्टी ने स्पष्ट किया कि ऐसे कृत्य भाजपा की मर्यादा, सिद्धांतों और अनुशासन के विपरीत हैं।
निष्कासन के वजह
- यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सार्वजनिक मज़ाक
- दूसरी शादी और पारिवारिक विवाद की सोशल मीडिया पर चर्चा
- पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाना
- अनुशासनहीनता और सार्वजनिक मर्यादा का उल्लंघन
भाजपा के इस निर्णय के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। वहीं, सुरेश राठौर की ओर से इस निष्कासन पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।