उत्तराखण्ड सरकार ने राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में सुरक्षा और अग्निशमन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अहम निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सचिवालय में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. आर. राजेश कुमार ने की। बैठक में साफ निर्देश दिए गए कि सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में फायर सेफ्टी सिस्टम को मजबूत किया जाए। हर महीने मॉक ड्रिल आयोजित करना, समय-समय पर सुरक्षा ऑडिट कराना, और नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करना अब अनिवार्य होगा।
सचिव स्वास्थ्य ने कार्यदायी संस्था को निर्देश दिए कि अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जल्द से जल्द जारी किए जाएं। साथ ही, सभी जरूरी फायर उपकरण जैसे स्प्रिंकलर और मोटर्स की कार्यप्रणाली की जांच कर उनकी डेमो प्रैक्टिस कराई जाए।
डॉ. कुमार ने कहा अस्पतालों में मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी प्रकार की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों और अस्पताल प्रशासन को निर्देशित किया है कि सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किया जाए और हर अस्पताल में इमरजेंसी ड्रिल नियमित रूप से की जाए।
इस बैठक में चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. अजय आर्य, दून मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या गीता जैन, उपसचिव जसविंदर कौर, सीएमएस डॉ. आर. एस. बिष्ट, और यूपीआरएल के प्रतिनिधि मौजूद रहे।