उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में भारी बारिश से उत्पन्न आपात स्थिति से निपटने के लिए राहत एवं बचाव कार्य तेज़ी से चल रहा है। बीती रात से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण कई क्षेत्रों में नाले उफान पर आ गए, जिससे दर्जनों भवनों में मलबा घुस गया और संपर्क मार्ग बाधित हो गए।
यात्रियों को पहुंचाया सुरक्षित स्थान पर
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक श्री केदारनाथ धाम की ओर से लौट रहे 1600 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। राहत की बात यह है कि घटना में किसी भी प्रकार की जनहानि या पशुहानि की सूचना नहीं है।
सीएम धामी ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों को राहत कार्यों में तेजी लाने, यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा ग्रामीणों को तत्काल आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री स्वयं पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और मुख्यमंत्री कार्यालय से राहत अभियान की निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है।
मकानों में घुसा मलबा
रात करीब 1 बजे से 4 बजे के बीच तहसील रुद्रप्रयाग के चमेली, रूमसी, चमरारा और विजयनगर क्षेत्रों में सौड़ी गदेरे और बेडू बगड़ नाले उफान पर आ गए। इससे कई घरों, गौशालाओं, शौचालयों और रास्तों में कटाव हुआ। लगभग 8-10 भवनों में मलबा घुस गया।सुबह 6 बजे से एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग और पीडब्ल्यूडी की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं।
स्थानीय प्रशासन ने राहत शिविर किया स्थापित
स्थानीय प्रशासन ने राहत शिविर स्थापित कर भोजन, चिकित्सा और आश्रय की व्यवस्था की गई है। जेसीबी मशीनों से मलबा हटाया जा रहा है।ग्रामीणों और उनके पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
वैकल्पिक रास्ता बनाकर यात्रियों को सुरक्षित निकाला
प्रातः 4 बजे गौरीकुंड में घोड़ापड़ाव से लगभग 50 मीटर दूरी पर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में मलबा और भारी पत्थर गिरने की सूचना मिली। यात्री मार्ग बाधित हुआ, लेकिन प्रशासन ने वैकल्पिक रास्ता बनाकर यात्रियों को सुरक्षित निकाला। अब तक कुल 1600 यात्रियों को निकाला जा चुका है, 700 यात्रियों को निकालने का कार्य जारी है।लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है। केवल सरकारी सूचनाओं का पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी राहत केंद्र या कंट्रोल रूम से संपर्क करें।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में एसीईओ आनंद स्वरूप, डीआईजी राजकुमार नेगी, जेसीईओ मो. ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएसडीएमए विशेषज्ञों सहित विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी मौजूद हैं और स्थिति की पल-पल निगरानी की जा रही है।