प्रदेश में भू-कानून की दिशा में धामी सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्रदेश में अवैध रूप से जमीनों की खरीद फरोख्त करने वालों के विरुद्ध उत्तराखण्ड सरकार की ओर से कार्रवाई तेज कर दी गई है।
इस सम्बन्ध में आज वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भू क़ानून को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार भू-क़ानून को लेकर गंभीर है। जिन लोगों ने भी यहाँ भूमि ख़रीदी और उसका उपयोग उस प्रयोजन हेतु नहीं कर रहे हैं जिस प्रयोजन हेतु भूमि क्रय की है उनके विरुद्ध कार्यवाही करते हुए भूमि को राज्य सरकार में निहित किया जाएगा।
सुबोध उनियाल ने कहा कि एक परिवार में 250 वर्ग मीटर से ज़्यादा भूमि ख़रीद कर जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है, उनकी भी अतिरिक्त ज़मीन राज्य सरकार में निहित की जाएगी। उन्होंने कहा कि भू-क़ानून में जो भी सुधार राज्य हित में अपेक्षित होंगे वह सभी प्रयास किए जाएंगे लेकिन इसके लिए प्रदेश के नागरिकों को भी जागरूक होकर सरकार का सहभागी बनना होगा।
वन मंत्री ने कहा कि समस्त प्रदेशवासी अपने पैतृक भूमि को संरक्षित करें और उसकी बिक्री ना करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व में भू-कानून में जो भी ऐसे संशोधन हुए हैं, और उनसे अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं, जन भावनाओं के अनुरूप उनमें भी संशोधन करने से पीछे नहीं हटा जाएगा।
भू-कानून को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा कई स्तर पर कार्यवाही करने और अगले बजट सत्र में राज्य की जन भावनाओं के अनुरूप भू-कानून लागू करने दिशा में निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार ने सुभाष कुमार समिति का गठन किया है, इसके साथ ही भू-कानून का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में गठित समिति सुझावों का अध्ययन कर लागू करने के लिए बैठकें कर के इसको अंतिम रूप दे रही है।