प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने आरटीआई अधिनियम की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर कहा कि पार्टी का संकल्प पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा अडिग रहेगा।
उन्होंने कहा कि 12 अक्टूबर को डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार और सोनिया गांधी के दूरदर्शी मार्गदर्शन में यह ऐतिहासिक अधिनियम लागू हुआ, जिसने शासन को जनता के प्रति जवाबदेह बनाया और नागरिकों को सशक्त किया।
करन माहरा ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआई ) यूपीए सरकार के अधिकार आधारित एजेंडा का पहला स्तंभ था, जिसके बाद
मनरेगा (2005), वन अधिकार अधिनियम (2006), शिक्षा का अधिकार (2009), भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा अधिनियम (2013) और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013) जैसे कई ऐतिहासिक कानून बने।
उन्होंने कहा कि आरटीआई अधिनियम अधिनियम का उद्देश्य शासन को पारदर्शी बनाना और जनता को सूचना तक सीधी पहुँच देना था। इसने आम नागरिकों को उनके हक-राशन, पेंशन, मजदूरी और छात्रवृत्तियाँ-दिलाने में अहम भूमिका निभाई
2014 के बाद कानून को कमजोर करने के प्रयास
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 2014 के बाद से मोदी सरकार के कार्यकाल में RTI को लगातार कमजोर किया गया है।
- 2019 के संशोधन ने सूचना आयोगों की स्वतंत्रता पर प्रहार किया, जिससे उनकी स्वायत्तता घट गई।
- 2023 के डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम ने आरटीआई की धारा 8(1)(जे) को बदल दिया, जिससे “व्यक्तिगत जानकारी” का दायरा इतना बढ़ा दिया गया कि अब जनहित की अनेक जानकारियाँ अपवाद के दायरे में आ गई हैं।
उन्होंने कहा कि इस संशोधन से सार्वजनिक धन, राजनीतिक फंडिंग और प्रशासनिक जवाबदेही से जुड़ी जानकारियाँ छिपाई जा सकती हैं, जो शासन की गंभीर लापरवाही को दर्शाती हैं।
कांग्रेस की प्रमुख माँगें
- 2019 के संशोधनों को निरस्त कर आयोगों की स्वतंत्रता बहाल की जाए।
- डीपीडीपी अधिनियम की धारा 44(3) की समीक्षा की जाए।
- केंद्रीय और राज्य आयोगों की सभी रिक्तियाँ समयबद्ध प्रक्रिया से भरी जाएँ।
- व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन अधिनियम को तुरंत लागू किया जाए।
- आयोगों में विविधता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
करन माहरा का वक्तव्य
करन माहरा ने कहा आरटीआई आधुनिक भारत के सबसे महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक सुधारों में से एक है। इसकी कमजोरी, लोकतंत्र की कमजोरी है।
आरटीआई की 20वीं वर्षगांठ पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इस कानून की रक्षा और सशक्तिकरण के अपने संकल्प को दोहराती है, ताकि हर नागरिक निडर होकर सवाल पूछ सके।
इस अवसर पर मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, प्रदेश प्रवक्ता सुजाता पॉल, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, महानगर अध्यक्ष जसविंदर सिंह जोगी एवं महामंत्री नवीन जोशी उपस्थित रहे।