Uttarakhand: सीएम धामी ने ली उच्चस्तरीय बैठक, नंदा देवी राजजात यात्रा की तैयारियों को लेकर दिए ये निर्देश..

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह यात्रा सदियों पुरानी लोक आस्था का केंद्र है और इसके आयोजन में कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों की मरम्मत समय से पूरी की जाए। खतरनाक स्थलों पर सुरक्षा रेलिंग का निर्माण शुरु हो। उन्होंने सभी प्रमुख पड़ावों पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, एंबुलेंस, एवं टेली मेडिसिन सेवाओं की समुचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए ।

संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा को जन सहभागिता से जोड़ने के लिए स्थानीय ग्राम पंचायतों, लोक कलाकारों और स्वयंसेवी संस्थाओं को शामिल किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि पारंपरिक लोक संस्कृति, नृत्य, और संगीत प्रस्तुतियों को यात्रा के दौरान मंच प्रदान कर सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखा जाए।

साल के अंत तक पूरी हो सभी तैयारियां

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि एक समेकित कार्ययोजना तैयार की जाए, जिसके तहत वर्ष 2025 के अंत तक यात्रा से संबंधित सभी बुनियादी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य यह होना चाहिए कि राजजात यात्रा 2026 श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित, सुव्यवस्थित और अविस्मरणीय अनुभव बने।

नंदा देवी राजजात यात्रा

मां नंदा देवी राजजात यात्रा को “हिमालय की कुंभ यात्रा” भी कहा जाता है। यह 12 वर्षों में एक बार आयोजित होने वाली अद्वितीय पैदल यात्रा है, जो 280 किमी से अधिक लंबी होती है और कठिन हिमालयी मार्गों से गुजरती है। यह यात्रा लोक आस्था, धार्मिक विश्वास और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय संगम है।

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