पंच केदारों में शामिल द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट आगामी मंगलवार सुबह 8 बजे विधि-विधान के साथ शीतकालीन अवकाश के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली 21 नवंबर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ में विराजमान होगी।
धाम के मुख्य पुजारी शिव लिंग ने बताया कि मंगलवार तड़के 5 बजे से हक-हकूकधारी ग्रामीणों और आचार्यों की मौजूदगी में कपाट बंद करने की प्रक्रिया आरंभ होगी। धार्मिक परंपराओं के अनुसार भगवान मदमहेश्वर के स्वयंभू लिंग को समाधि दी जाएगी तथा भोग मूर्तियों को चल उत्सव विग्रह डोली में स्थापित किया जाएगा।
डोली मंगलवार को गोंडार गांव के लिए प्रस्थान करेगी, जहां पहला रात्रि प्रवास होगा। इसके बाद 19 नवंबर को रांसी के राकेश्वरी मंदिर, 20 नवंबर को गिरिया तथा 21 नवंबर को डोली उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में शीतकालीन विराजमान होगी। शीतकाल अवधि में भक्त उखीमठ में ही बाबा मदमहेश्वर के दर्शन कर सकेंगे।
मनसूना में तीन दिवसीय मेला 18 से 20 नवंबर तक
भगवान मदमहेश्वर की डोली आगमन के उपलक्ष्य में मनसूना में 18 से 20 नवंबर तक भव्य मेले का आयोजन किया जाएगा। मेला समिति के अध्यक्ष संजय मनवाल ने बताया कि मेले में धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ स्थानीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं एवं प्रसिद्ध लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां होंगी। मेले की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
कपाट बंद होने के साथ ही मदमहेश्वर घाटी में शीतकाल का आगमन धार्मिक उल्लास और परंपराओं के पालन के बीच शुरू हो जाएगा।
