सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के केवडिया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के सामने आयोजित राष्ट्रीय एकता परेड में उत्तराखण्ड की झांकी ने सबका दिल जीत लिया। देवभूमि की संस्कृति, नैसर्गिक सौंदर्य और विकास की झलक से सजी यह झांकी कार्यक्रम का केंद्र बिंदु बनी रही।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परेड का निरीक्षण करते हुए उत्तराखण्ड की झांकी और लोक कलाकारों के पारंपरिक नृत्य की ताली बजाकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि देश की विविधता में एकता का सजीव उदाहरण उत्तराखण्ड जैसे राज्यों से झलकता है, जो अध्यात्म और संस्कृति दोनों में समृद्ध हैं।
इस अवसर पर आयोजित परेड में देश के चुनिंदा आठ राज्यों को ही झांकी प्रदर्शन का अवसर मिला था। उत्तराखण्ड की झांकी का थीम ‘अष्ट तत्त्व और एकत्व’ रखा गया था, जिसके माध्यम से राज्य की आध्यात्मिक विरासत, प्राकृतिक सुंदरता, लोक संस्कृति और विकास के आयामों को प्रभावशाली ढंग से प्रदर्शित किया गया।
झांकी में केदारनाथ, बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब और तुंगनाथ जैसे दिव्य तीर्थस्थलों की प्रतिकृतियों के साथ ही पारंपरिक लोक नृत्य और वाद्य यंत्रों का सुंदर संयोजन किया गया था। सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक के.एस. चौहान के नेतृत्व में लोक कलाकारों के दल ने उत्तराखण्ड की लोकधुनों पर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
श्री चौहान ने बताया कि परेड में उत्तराखण्ड की झांकी को दर्शकों और विशेषज्ञ समिति दोनों से विशेष सराहना मिली है। उन्होंने कहा कि यह अवसर राज्य के लिए गौरव का विषय है, क्योंकि देवभूमि की झांकी ने न केवल प्रदेश की संस्कृति और परंपरा को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया, बल्कि एकता और समरसता का संदेश भी दिया।
