Uttarakhand: मुख्यमंत्री धामी ने किया सीमांत गांव मिलम का दौरा, क्षेत्र के विकास के लिए किए कई महत्वपूर्ण ऐलान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पिथौरागढ़ जिले के सीमांत गांव मिलम का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात कर उनके राष्ट्रसेवा के जज्बे और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में किए जा रहे समर्पित कार्यों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा में हमारे जवानों का योगदान अतुलनीय है। उनका अनुशासन, परिश्रम और देशभक्ति हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है।

सीमांत ग्रामीणों से संवाद, विकास पर चर्चा

मुख्यमंत्री धामी ने सीमांत क्षेत्र के स्थानीय ग्रामीणों से भी सीधा संवाद किया। उन्होंने क्षेत्र की विकास संबंधी आवश्यकताओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और मूलभूत सुविधाओं पर चर्चा करते हुए राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी साझा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सीमांत गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए ‘वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम’ प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। इसके तहत सीमावर्ती क्षेत्रों को बेहतर सड़क, संचार, स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं से जोड़ने, स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने और गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

सीमांत क्षेत्रों के विकास को मिलेगी गति

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सीमांत क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इन दुर्गम इलाकों में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और संचार सेवाओं को और सुदृढ़ किया जाएगा ताकि सीमाओं पर रहने वाले नागरिकों का जीवन स्तर बेहतर हो सके।
उन्होंने सीमा क्षेत्र के नागरिकों के सहयोग और राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण के लिए आभार भी व्यक्त किया।

विकास के लिए की गई घोषणाएं

मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर सीमांत क्षेत्र के विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की।

  • जोहार क्लब मुनस्यारी में इनडोर स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा।
  • ग्राम मिलम में नन्दा देवी मंदिर का सौंदर्यीकरण कार्य कराया जाएगा।
  • ग्राम बिल्जू में सामुदायिक मिलन केंद्र का निर्माण किया जाएगा।

इन घोषणाओं से क्षेत्र में खेल, पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

जवानों और नागरिकों के प्रति आभार

मुख्यमंत्री धामी ने आईटीबीपी के अधिकारियों और जवानों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि सीमांत क्षेत्रों में तैनात सुरक्षा बल न केवल सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय जनता के सहयोग और क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

इस अवसर पर आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल, स्थानीय जनप्रतिनिधि, ग्रामीण और बड़ी संख्या में आईटीबीपी के जवान उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री की इस यात्रा से सीमांत क्षेत्रों के विकास कार्यों को नई गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

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