मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सेवक सदन में आयोजित ‘विकसित भारत@2047’ अंतरिक्ष सम्मेलन 2025 में प्रतिभाग किया। सम्मेलन का उद्देश्य हिमालयी राज्यों के सतत विकास में अंतरिक्ष तकनीक की भूमिका को रेखांकित करना था। इस मौके पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चंपावत को मॉडल जिला बनाने हेतु इसरो और यूकॉस्ट द्वारा विकसित विशेष डैशबोर्ड का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने इसरो द्वारा प्रकाशित एक पुस्तक का भी विमोचन किया।
उत्तराखण्ड को बनाया जाएगा ‘स्पेस टेक्नोलॉजी फ्रेंडली स्टेट’
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार विज्ञान और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में साइंस सिटी, इनोवेशन सेंटर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( एआई), रोबोटिक्स, ड्रोन और अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं की स्थापना तेजी से की जा रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह सम्मेलन प्रदेश को “स्पेस टेक्नोलॉजी फ्रेंडली स्टेट” बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
इसरो अध्यक्ष ने साझा की भारत की अंतरिक्ष यात्रा
इसरो प्रमुख डॉ. वी. नारायणन ने कहा एक समय था जब हमारे रॉकेट साइकिल से ले जाए जाते थे, लेकिन आज भारत ने विश्व पटल पर नई ऊंचाइयां हासिल की हैं। हमने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की और चंद्रमा पर जल अणु की उपस्थिति का पता लगाने वाले पहले देश बने। ‘आदित्य एल-1’ मिशन के साथ अब भारत सूर्य का अध्ययन करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।
उत्तराखण्ड में अंतरिक्ष डेटा का प्रभावी उपयोग
राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) के निदेशक डॉ. प्रकाश चौहान ने कहा कि उत्तराखण्ड में पशुधन डेटा डिजिटाइजेशन, ऋषिगंगा-चमोली आपदा में सैटेलाइट मैपिंग, वनाग्नि मॉनिटरिंग, ग्लेशियर लेक का निरीक्षण, बाढ़ और क्लाउडबर्स्ट पूर्वानुमान जैसे क्षेत्रों में अंतरिक्ष तकनीक का प्रभावी उपयोग हो रहा है।
राज्य सरकार की मांगें और पहल
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि राज्य सरकार अंतरिक्ष तकनीक को अपनाने के साथ-साथ स्थायी वैज्ञानिक अधोसंरचना के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने इसरो से आग्रह किया कि राज्य के कुछ साइंस सेंटरों को गोद लिया जाए और कार्टोसैट जैसी हाई-रेज़ोल्यूशन इमेजरी को रीयल-टाइम व गैर-व्यावसायिक आधार पर उपलब्ध कराया जाए।
सम्मेलन में ये रहे उपस्थिति
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, नितेश झा, यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत समेत कई वैज्ञानिक एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।