उत्तराखंड में अब निजी जमीनों पर भी बना सकते हैं हेलीपैड और हेलीपोर्ट

उत्तराखंड में हवाई सेवाओं को बेहतर करने के लिए सरकार बड़े कदम उठा रही है। इसी कड़ी में शासन ने जहां राज्य में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए उत्तराखंड हेलीपैड व हेलीपोर्ट नीति को मंजूरी दी तो वहीं अब उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) निजी क्षेत्र से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (ईओआइ) आमंत्रित करने जा रहा है। जिसके तहत निजि भूमि पर लोग हेलीपैड बनवा सकते है। इसके लिए आवेदन कर सकेंगे।

मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के अनुसार पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही आपातकाल की स्थिति में चिकित्सा और रेस्क्यू का काम आसानी से किए जाने के लिए हेलीपैड बनाने के लिए यह नीति बनाई है. इसके तहत हेलीपैड बनाने के लिए अब निजी जमीन को लीज पर दे सकते हैं या फिर खुद अपना बना सकते हैं। बताया जा रहा है कि निजी जमीन पर खुद से हेलीपैड बनाने पर सरकार उन्हें 50% की सब्सिडी देगी। अब इसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं। ये हेलीपैड कहां बनने हैं, इसके लिए जल्द ही इसके तहत यूकाडा बताएगा कि किन क्षेत्रों में हेलीपैड बनाने की जरूरत है। यूकाडा जगह तय कर आवेदन आमंत्रित करेगा।इसके लिए इच्छुक व्यक्तियों स्वयं अथवा सरकार के सहयोग से हेलीपैड बनाने के आवेदन दे सकेंगे।

गौरतलब है कि उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में अधिकांश जगहों पर हेलीपैड की व्यवस्था नहीं है. जिससे कई बार वीआईपी लोगों के आने या फिर किसी बड़ी घटना के हो जाने पर हेलीपैड बनाने में बड़ा वक्त गुजर जाता है। अब इसको लेकर उत्तराखंड सरकार ने फैसला किया था कि निजी लोग भी अपनी जमीनों पर हेलीपैड बना सकते हैं। इसके साथ ही यह व्यवस्था भी की गई है कि यदि कोई स्वयं हेलीपैड अथवा हेलीपोर्ट बनाने में सक्षम नहीं है तो वह सरकार को यह भूमि 15 वर्ष की लीज पर दे सकता है। इसके लिए उसे वार्षिक शुल्क के साथ ही इससे होने वाले लाभ का एक हिस्सा भी दिया जाएगा। ऐसे में अगले माह स्थानों की सूची जारी कर ईओआई आमंत्रित किए जाएंगे।

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