उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों के विभिन्न संकायों में 142 असिस्टेंट प्रोफेसरों के चयन परिणाम विषयवार घोषित कर दिए हैं। चयनित फैकल्टी सदस्यों को बहुत जल्द राज्य के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में पहली तैनाती दी जाएगी। इन नियुक्तियों से मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी दूर होगी तथा छात्रों को बेहतर शैक्षणिक माहौल मिलेगा। साथ ही, संबद्ध चिकित्सालयों में मरीजों को भी अधिक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी।
439 रिक्त पदों पर भेजा गया था अधियाचन
राजकीय मेडिकल कॉलेजों में खाली पड़े 439 पदों पर स्थाई नियुक्ति के लिए चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने चयन बोर्ड को अधियाचन भेजा था। इसके बाद चयन बोर्ड ने निर्धारित मानकों के अनुरूप भर्ती प्रक्रिया आयोजित की और अब विषयवार अंतिम परिणाम जारी कर दिए हैं।
142 विशेषज्ञ चिकित्सकों का चयन, 25 से अधिक संकायों को मिलेगा लाभ
चयन बोर्ड ने दो दर्जन से अधिक संकायों में 142 विशेषज्ञ चिकित्सकों का चयन किया है। प्रमुख संकायों में चयन का विवरण इस प्रकार है—
- एनेस्थीसिया – 16
- एनाटॉमी – 7
- पीडियाट्रिक्स – 7
- बायोकैमिस्ट्री – 7
- ब्लड बैंक – 3
- रेडियोथेरेपी – 3
- डर्मेटोलॉजी – 3
- कम्युनिटी मेडिसिन – 12
- पैथोलॉजी – 12
- डेंटिस्ट्री – 2
- इमरजेंसी मेडिसिन – 1
- फॉरेंसिक मेडिसिन – 1
- जनरल मेडिसिन – 5
- जनरल सर्जरी – 5
- रेस्पीरेटरी मेडिसिन – 5
- फार्माकोलॉजी – 5
- माइक्रोबायोलॉजी – 9
- ऑर्थोपेडिक्स – 9
- स्त्री एवं प्रसूति रोग – 8
- नेत्र रोग – 4
- ईएनटी – 6
- साइकियाट्री – 6
- फिजियोलॉजी – 6
चयनित सभी अभ्यर्थियों को जल्द ही प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में तैनाती दी जाएगी।
शिक्षण-प्रशिक्षण और शोध कार्यों को मिलेगा नया आयाम
असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति से
- मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण एवं प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ेगी,
- छात्र-छात्राओं को बेहतर शैक्षणिक संसाधन मिलेंगे,
- और अस्पतालों में मरीजों को विशेषज्ञ उपचार अधिक सुगमता से प्राप्त होगा।
मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का बयान
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत चयन बोर्ड द्वारा 142 असिस्टेंट प्रोफेसरों के चयन परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। नई फैकल्टी की नियुक्ति से मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण, प्रशिक्षण व शोध कार्यों में उल्लेखनीय सुधार होगा। इसका सीधा लाभ मेडिकल छात्रों और मरीजों दोनों को मिलेगा।
