कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आज गांधी पार्क में किसानों की बागवान न्याय यात्रा में पहुँचकर उन्हें समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने किसानों और बागवानों को सब्सिडी और आत्मनिर्भरता के सपने दिखाए, लेकिन आज वास्तविकता यह है कि किसानों को न तो सहायता मिल रही है और न ही उनकी मेहनत का उचित सम्मान।
सरकार के वादे कागज़ों तक सीमित: करन माहरा
माहरा ने कहा कि सरकार ने किसानों से कहा था कि सेब, कीवी और अन्य फलदार पौधे लगाइए, सरकार सब्सिडी देगी और सहारा बनेगी। लेकिन आज स्थिति यह है कि बाग लग गए, पर सब्सिडी सिर्फ फाइलों और फोटो तक सीमित है। किसान महीनों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही।
उन्होंने कहा, यह धरना नहीं बल्कि किसानों की टूटी उम्मीदों की आवाज़ है। किसान अपनी मेहनत, समय और पूंजी दांव पर लगाकर आज खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
सब्सिडी में कट’ का आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों से यह कहा जा रहा है कि जब तक कुल सब्सिडी का 25% एडवांस किसी ‘खास व्यक्ति’ को नहीं दिया जाता, तब तक सहायता नहीं मिलेगी।
उन्होंने कहा,यह सीधे-सीधे किसानों के साथ धोखा है। मुख्यमंत्री मंचों पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन ज़मीनी सच्चाई यह है कि किसान बिना ‘कट’ दिए अपने हक से वंचित हैं।”
सरकार ने भ्रष्टाचार का नया रास्ता खोला
माहरा ने कहा कि बागवानी को प्रोत्साहित करने के नाम पर सरकार ने भ्रष्टाचार का नया रास्ता खोल दिया है। कई किसानों ने अपनी ज़मीन गिरवी रखकर बाग लगाए हैं, लेकिन अब वे दफ्तर-दफ्तर भटक रहे हैं।
उन्होंने कहा,किसानों को कट-सट का खेल नहीं पता, और सरकार इसी भोलेपन का फायदा उठा रही है। अगर सरकार ने तुरंत सब्सिडी जारी नहीं की और दलाली की व्यवस्था बंद नहीं की, तो किसान सड़क से लेकर विधानसभा तक आंदोलन करेंगे।
यह सब्सिडी नहीं, सम्मान का सवाल
करन माहरा ने कहा कि यह सिर्फ़ सब्सिडी का मुद्दा नहीं है, बल्कि किसान के श्रम, सम्मान और भविष्य का प्रश्न है।
उन्होंने किसानों से एकजुट होकर आवाज़ बुलंद करने की अपील की और कहा कि कांग्रेस हमेशा किसानों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती रहेगी।
