सर्दी आते ही बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगता है। ऐसे में बीपी और शुगर पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है। ये दोनों आपके स्वास्थ्य को कभी भी खतरे में डाल सकते हैं। सर्दियों में शारीरिक गतिविधियां काफी कम हो जाती हैं। जिसकी वजह से आपका स्वास्थ्य बिगडने लगाता है।
सर्दियों में ठंड से बचने के लिए घर के अंदर भी गर्म कपड़े पहनकर रखना चाहिये। घर से बारह निकलना से पहले गर्म कपड़े अवश्य पहने। आपके स्वास्थ्य के लिए ठीक रहेगा। खास कर पहाड़ी इलाकों में रखने वालों लोगों को घर के अंदर और बाहर हमेशा गर्म कपड़े पहनकर रखना चाहिए। क्योकि मैदानी इलाकों की अपेक्षा पहाड़ी इलाकों में ठंड अधिक होती है।
.चिकित्सकों के अनुसार, ठंड के मौसम में सबसे ज्यादा बीपी की समस्या बढऩे से लकवा, ब्रेन हेमरेज एवं हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। बीपी बढऩे पर तत्काल किसी चिकित्सक से संपर्क करने की जरूरत है। अगर बीपी लगातार बढ़ रहा है तो चिकित्सक से संपर्क करें। साथ ही रहन-सहन से लेकर खानपान में भी बदलाव कर जरूरत है।
आजकल बाहर व्यायाम करना खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में घर में ही व्यायाम शुरू कर देना चाहिए। घर में व्यायाम करने से ठंड से आप बच सकते हैं। वर्तमान में ठंड की वजह से व्यायाम बंद करना ठीक नहीं है। आप पूर्व की भांति व्यायाम करते रहें लेकिन सावधानी बरते ही ठंड का शिकार न हों। घर के जिस कमरे में आप व्यायाम करना चाहते हैं, वह थोड़ा गर्म होना चाहिए। आप उसके लिए हीटर का भी उपयोग कर सकते हैं।
ठंड के ऐसे मौसम में बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। फिलहाल सुबह में घना कोहरा रह रहा है। बर्फीली हवाओं से घर से निकालना मुश्किल हो रहा है। बुजुर्गों को सूर्याेदय के बाद ही घर से बाहर निकलने की जरूरत है। वातावरण में थोड़ी गर्मी बढऩे पर बुजुर्ग घर से बाहर टहलने निकलें। अगर सुबह में ज्यादा ठंड हो तो दोपहर बाद टहलने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन कभी भी सूर्यास्त के बाद टहलने की कोशिश न करें।
चिकित्सकों अनुसार, ठंड के मौसम में खानपान पर विशेश ध्यान दें। खासकर शुगर के मरीजों को खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। कोल्ड्रींक्स, आइसक्रीम, मिठाई, अत्यधिक चाय व कॉफी आदि से बहुत तेजी से शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है।
भोजन करते समय इस बात का अवश्य ध्यान रखें भोजन गर्म व ताजा हो। जो चीज अत्यधिक ठंडी हो गई है, उसका सेवन करने से बचने की जरूरत है। ठंडा एवं बासी खाना खाने के कारण ही आजकल कोल्ड डायरिया के मामले काफी बढ़ गए हैं।