पंचायत चुनाव में सरकार की ओर से की जा रही अनियमितताओं और राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार की बर्खास्तगी की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा था। लेकिन समय नहीं मिलने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने गुरुवार को राजभवन के समीप शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया।
करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने राजभवन के निकट शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करते हुए चुनाव में हो रही गड़बड़ियों को उजागर किया और राज्यपाल से मिलने की अनुमति की मांग दोहराई। लेकिन प्रशासन ने उन्हें बलपूर्वक हिरासत में लेते हुए पुलिस लाइन ले जाया।
उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सरकार पंचायत चुनाव में पूरी तरह से हस्तक्षेप कर रही है। राज्य निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं और जब विपक्ष आवाज उठाता है तो उसे दबा दिया जाता है। शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने का भी मौका नहीं दिया जा रहा। यह लोकतंत्र की हत्या है।
कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल से मिलने के लिए पूर्व में समय मांगा था ताकि वे राज्य निर्वाचन आयुक्त को हटाए जाने की अपनी मांग को लेकर ज्ञापन सौंप सकें। लेकिन समय न मिलने के बाद मजबूरन उन्हें सड़क पर उतरना पड़ा।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नागरिक संगठनों ने करन माहरा की गिरफ्तारी को अलोकतांत्रिक बताया है। उनका कहना है कि जब एक विपक्षी दल का प्रदेश अध्यक्ष भी अपनी बात शांति से नहीं कह सकता, तो यह राज्य में लोकतंत्र की स्थिति पर बड़ा प्रश्नचिह्न है।
कांग्रेस का आरोप है कि पंचायत चुनाव में भारी अनियमितताएं हो रही हैं और राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार इन पर आंख मूंदे हुए हैं। निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया बनाए रखने के लिए उन्होंने उनकी तत्काल बर्खास्तगी की मांग की है।
करन माहरा ने साफ किया कि यह सिर्फ शुरुआत है। यदि मांगें नहीं मानी गईं और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को सुनिश्चित नहीं किया गया तो कांग्रेस राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगे।