मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड में चिकित्सा शिक्षा के विस्तार को अभूतपूर्व रफ्तार मिल रही है। राज्य सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लक्ष्य पर तेजी से काम कर रही है, और इसी कड़ी में सीमांत जनपद पिथौरागढ़ एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद पिथौरागढ़ में राजकीय मेडिकल कॉलेज का निर्माण तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और अब यह योजना अपने अंतिम चरण में प्रवेश करने लगी है।
सूत्रों के अनुसार, कॉलेज परिसर का अधिकांश निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और भवन अब लगभग अंतिम स्वरूप ले चुका है। स्थानीय जनता इस परियोजना को लेकर अत्यंत उत्साहित है, क्योंकि मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए हल्द्वानी, देहरादून या बाहरी राज्यों की ओर जाने की मजबूरी काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही जिले में रोजगार और व्यापार के नए अवसर भी खुलेंगे।
राज्य सरकार ने 31 मार्च 2026 तक पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज को पूर्ण रूप से तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान निर्माण गति को देखते हुए यह लक्ष्य समय पर पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि सीमांत जिले में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराना हमारा संकल्प है। कार्यों की मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है और संबंधित एजेंसियों को समयबद्ध तरीके से निर्माण पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करना ही नहीं, बल्कि पिथौरागढ़ को राज्य का एक मॉडल मेडिकल इंस्टीट्यूट बनाना है। आने वाले वर्षों में यह संस्थान चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का एक सशक्त केंद्र बनेगा और पूरे कुमाऊं क्षेत्र को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का तेजी से उभरता स्वरूप उत्तराखंड के स्वास्थ्य ढांचे में एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
