हरिद्वार। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध करने वालों पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी ने कहा कि भगवान राम का विरोध करने वाले हिंदुओं को सिख समुदाय की तर्ज पर तनखैया घोषित करने की मांग भी उठाई है।
पत्रकारों से वार्ता के दौरान श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि भारत में राम मंदिर का निर्माण होगा। 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एक आशा जगी और आज सनातन धर्म और लंबियों का सपना साकार होने जा रहा है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरे राष्ट्र के लिए हर्ष और गौरव का विषय है। लेकिन कुछ लोग हिंदू होने के बावजूद भगवान राम का विरोध कर रहे हैं। राम मंदिर सबके लिए है, भगवान राम किसी एक के नहीं है भगवान राम सबके हैं।
भगवान राम के खिलाफ बयानबाजी और उनका विरोध करने वालों को तनखैय्या घोषित किया जाए। जिस प्रकार सिख संप्रदाय में एक बायोलॉज बना हुआ है कि जो धर्म का विरोध करेगा उसे तनखैया घोषित किया जाएगा, इसी प्रकार राम का विरोध करने वालों को भी तनखैया घोषित करना पड़ेगा।
श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह के कुशल नेतृत्व में सैकड़ों वर्ष के इंतजार के बाद जन-जन के आराध्य मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम सरयू तीरे भव्य मन्दिर में विराजमान हो रहे हैं। जो सम्पूर्ण संत समाज, सनातनी, समस्त भारतवासी व मानव जाति के लिए हर्ष का विषय है। सभी सनातन प्रेमियों से मेरी अपील है कि 22 जनवरी, 2024 भगवान श्रीराम के मन्दिर के निर्माण की खुशी में अपने-अपने घर दीपमाला से सजाकर मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की पूजा-अर्चना करें।