Uttarakhand: सीएम ने की शिक्षा विभाग की समीक्षा, ड्रॉपआउट रोकने और स्मार्ट स्कूल पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को शिक्षा विभाग की गेम चेंजर योजनाओं को लेकर वर्चुअल माध्यम से समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अधिकारियों को समेकित और प्रभावी प्रयास करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवेशोत्सव के तहत पहली, छठी और नवीं कक्षा में बच्चों का अधिक से अधिक नामांकन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही बालिकाओं के ड्रॉपआउट को रोकने के लिए ठोस योजना बनाई जाए। ड्रॉपआउट बालिकाओं को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।

उन्होंने विद्यालयों में कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा पर फोकस करने को कहा। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि बच्चों को समय पर किताबें, नोटबुक और यूनिफॉर्म मिलें।

बालिकाओं के लिए अलग शौचालयों और सेनेटरी पैड्स की उपलब्धता पर भी विशेष बल दिया गया। साथ ही स्कूल भवनों के सुरक्षा मानकों की समीक्षा कर उन्हें दुरुस्त करने को कहा गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को केवल किताबी ज्ञान ही नहीं, बल्कि कला, रंगमंच, खेलकूद जैसी गतिविधियों में भी भागीदारी का अवसर दिया जाना चाहिए। फिट इंडिया अभियान के प्रति भी छात्रों को जागरूक करने की बात कही।

शिक्षकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने का निर्देश देते हुए परीक्षा प्रणाली में सुधार पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।

बैठक में बताया गया कि ‘भारत दर्शन योजना’ के तहत इस वर्ष 1,082 टॉपर्स को शैक्षणिक भ्रमण पर भेजा जाएगा। अब तक 156 छात्र दिल्ली, हिमाचल, पंजाब और हरियाणा की शैक्षणिक यात्रा कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने आईआईटी, आईआईएम और अन्य संस्थानों का भ्रमण किया।

राज्य में 559 क्लस्टर विद्यालयों को स्मार्ट स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां 4,019 स्मार्ट क्लासरूम संचालित होंगी।

बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, शिक्षा सचिव रविनाथ रामन, महानिदेशक दीप्ति सिंह, स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा समेत शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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