मुख्यमंत्री आवास परिसर में गुरुवार को योगाभ्यास में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने योग कर अंतरात्मा की शुद्धि और संतुलन का संदेश दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी सहभागिता निभाई।
योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, आत्मबोध की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर योग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि आंतरिक शांति और आत्मबोध की गहराई तक ले जाने वाला मार्ग है। यह हमारे मन को स्थिर करता है और जीवन को संतुलित बनाता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति ने सदैव मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता दी है और योग हमारी सनातन परंपरा सना का मूल स्तंभ है।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की पहचान बना योग
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्तुत प्रस्ताव के बाद 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया था। 177 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जो भारत की सांस्कृतिक शक्ति का प्रमाण है।
उत्तराखंड बनेगा योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड ऋषि-मुनियों की तपोभूमि है और यहां योग की गहरी परंपरा रही है। उन्होंने बताया कि ग्राम स्तर तक योग को पहुँचाने के लिए सरकार ने विशेष प्रयास किए हैं। योग आधारित रोजगार के अवसरों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी” बनाने के उद्देश्य से नई योग नीति लागू की गई है।
मुख्यमंत्री का प्रदेशवासियों से आग्रह
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों से योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का आह्वान करते हुए कहा कि योग के माध्यम से हम स्वस्थ समाज और सशक्त राष्ट्र की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
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