उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बार की दीपावली आपदा प्रभावित परिवारों के बीच जाकर मनाई। मुख्यमंत्री दीपों के पर्व पर सहस्त्रधारा स्थित मझाड़ा गांव पहुंचे, जहां उन्होंने काली गाड़, मझाड़ा गांव और सहस्त्रधारा क्षेत्र के आपदा प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी किया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि रिवर ट्रेनिंग एवं सुरक्षा दीवार निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की क्षति से ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
संवेदनशीलता और जनअपनत्व का उदाहरण पेश करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि दीपावली केवल रोशनी का नहीं, बल्कि संवेदनाओं और एकता का त्योहार है। सरकार का संकल्प है कि किसी भी आपदा पीड़ित परिवार को अकेला महसूस न होने दिया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझती है और संपूर्ण पुनर्वास एवं सहायता के लिए निरंतर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों से घर-घर जाकर मुलाकात की, बच्चों से बातचीत की और महिलाओं की समस्याएं सुनीं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा बाधित न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। जिनके घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें अस्थायी आवास उपलब्ध कराने और किराए के भुगतान की सुविधा भी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री के आगमन से ग्रामीणों के बीच हर्ष का माहौल रहा। स्थानीय लोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री का उनके बीच दीपावली मनाना कठिन समय में आशा और आत्मबल का संचार करता है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय सहित प्रशासनिक अधिकारी एवं स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद रहे।