देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने जलस्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण की बैठक ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा के जल को लाखों की संख्या में चेकडैम बनाकर संग्रहित कर भूजल को बढ़ाया जा सकता है। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में सूख रहे जलस्रोतों को रिचार्ज किए जाने में सहायता मिलेगी साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों के नदियों में वर्षभर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी। मुख्य सचिव ने एसएआरआरए को चेकडैम बनाने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए।
सचिवालय में आयाजित बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड में मानसून का लगभग 90 प्रतिशत जल नदियों में बह जाता है जिससे बाकी महीनों में पानी की कमी बनी रहती है। पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा के जल को संग्रहित कर भूजल को बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए चेकडैम बनाने की आवश्यकता है। जिससे की जलस्रोत रिचार्ज हो सकें।
उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान में प्राथमिकता को पहले से निर्धारित किया जाए। प्रदेश के भूभाग का 70 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्र है, इसलिए वन विभाग को महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि अगले एक, दो, पांच और 10 साल के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हुए लक्ष्य के अनुसार योजना की लगातार मॉनिटरिंग की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि एसएआरआरए के कुल बजट का 70-80 प्रतिशत खर्च चेकडैम पर खर्च किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव अरविन्द सिंह ह्यांकी, जलागम प्रबन्धन से नीना ग्रेवाल सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।