मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में आयोजित उत्तराखण्ड कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास और जनहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इन फैसलों में जैव प्रौद्योगिकी परिषद की पुनर्संरचना से लेकर बाढ़ नियंत्रण और महिला-कल्याण से जुड़े अहम मुद्दे शामिल हैं।
जैव प्रौद्योगिकी परिषद में बड़ा बदलाव
कैबिनेट ने उत्तराखण्ड जैव प्रौद्योगिकी परिषद की विभागीय संरचना में संशोधन को मंजूरी दे दी है। अब हल्द्वानी मुख्यालय और देहरादून केंद्र के पदों को एकीकृत संवर्ग में रखा जाएगा। इससे कार्यों में पारदर्शिता और कुशलता आने की उम्मीद है।
खनन विभाग में नई नियुक्तियां
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में भूमि धंसाव जैसी आपदाओं से निपटने के लिए 18 नए पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई है। यह कदम जोशीमठ जैसी घटनाओं की रोकथाम और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए बेहद जरूरी माना जा रहा है।
बाढ़ सुरक्षा के लिए अधिसूचना
आसन नदी के दोनों तटों पर (भट्टा फॉल से आसन बैराज तक) बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण की अंतिम अधिसूचना जारी करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही कुछ निर्माण कार्यों को अनुमन्य श्रेणी में शामिल किया गया है, जिससे क्षेत्र में बाढ़ प्रबंधन और विकास संतुलित रूप से किया जा सकेगा।
निरीक्षण भवनों का पीपीपी मोड में विकास
लोक निर्माण विभाग के 5 निरीक्षण भवनों (रानीखेत, उत्तरकाशी, दुग्गलबिट्टा, हर्षिल और ऋषिकेश) के पीपीपी मोड में संचालन और मुद्रीकरण का कार्य यूआईआईडीबी को सौंपा गया है।
स्वास्थ्य शिक्षा में नई परिषद
राष्ट्रीय सहबद्ध और स्वास्थ्य देखरेख वृत्ति आयोग अधिनियम 2021 के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद के गठन को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। यह परिषद स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए मानकों की निगरानी और नीति निर्माण में अहम भूमिका निभाएगी।
महिला व बाल सहायता निधि के लिए उपकर का उपयोग
कैबिनेट ने मुख्यमंत्री महिला एवं बाल बहुमुखी सहायता निधि (कॉर्पस फण्ड) के संचालन के लिए विदेशी मदिरा/बियर पर लगाए गए उपकर (सैस) की राशि से फंड संचालित करने का फैसला लिया है। इस निधि का उपयोग महिलाओं और बच्चों के कल्याण हेतु संचालित योजनाओं में सहायता, नवाचार योजनाओं के संचालन और आपदा में प्रभावित अनाथ बच्चों व वृद्ध महिलाओं को राहत देने के लिए किया जाएगा।