भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से संबद्ध भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून के वैज्ञानिकों ने विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025 के तहत उत्तराखंड के विकासनगर, कालसी, सहसपुर और बहादराबाद क्षेत्रों के 19 गांवों का दौरा किया। इस अभियान का उद्देश्य किसानों को खरीफ फसलों के वैज्ञानिक प्रबंधन, जल संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य सुधार तथा भूमि क्षरण रोकथाम के लिए जागरूक करना है।
संस्थान की टीमों ने किसानों को जल संचयन तकनीकों, जीवनरक्षक सिंचाई विधियों, मृदा परीक्षण, नमी संरक्षण, और मिट्टी में सुधार लाने वाले उपायों की जानकारी दी।
वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि कैसे स्थानीय जलवायु और संसाधनों के अनुरूप फसलों का चयन करके बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को सरल भाषा में वैज्ञानिक सुझाव दिए गए ताकि वे टिकाऊ और लाभकारी खेती की दिशा में कदम बढ़ा सकें।
यह पहल किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी बनती जा रही है।
संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस. पी. बिष्ट ने बताया कि “हमारा उद्देश्य वैज्ञानिक जानकारी को खेतों तक पहुंचाकर कृषि उत्पादन में गुणात्मक सुधार लाना है। किसान जागरूक होंगे तो उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।”
यह अभियान आने वाले समय में उत्तराखंड के अन्य जिलों में भी चलाया जाएगा, जिससे हरित क्रांति का नया चरण प्रारंभ हो सके।
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