राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक नया कदम उठाया गया है। उत्तराखंड के सभी सरकारी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान से जुड़ेंगे। इस अभियान की शुरुआत 5 जून 2025 को विश्व पर्यावरण दिवस पर होगी और यह 31 जुलाई 2025 तक चलेग।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में हुई उच्चस्तरीय बैठक में बताया कि इस अभियान के तहत प्रदेशभर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी और छात्र-छात्राएं एक-एक पौधा लगाएंगे। यह पौधारोपण उनके संस्थान, घर या सार्वजनिक स्थानों पर किया जा सकता है।
टीबी मुक्त भारत और नशा मुक्त अभियान में भी होगी भागीदारी
डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश के सभी उच्च शिक्षण संस्थान केंद्र सरकार के टीबी मुक्त भारत और नशा मुक्त भारत अभियानों में भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। सभी संस्थानों में जागरूकता गोष्ठियाँ आयोजित की जाएंगी, जिनमें छात्रों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराया जाएगा और संयमित जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इसके साथ ही शिक्षक व कर्मचारी स्वेच्छा से अपने क्षेत्र के एक-एक टीबी रोगी को गोद लेंगे, जिनकी जानकारी संबंधित जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से प्राप्त की जा सकेगी।
शैक्षणिक सुधारों पर भी जोर
डॉ. रावत ने बताया कि सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेशोत्सव और वार्षिकोत्सव का आयोजन अनिवार्य होगा। इसके अलावा प्रत्येक तीन माह में अभिभावक-शिक्षक बैठक भी आयोजित की जाएगी।
उच्च शिक्षा निदेशक को निर्देश दिए गए हैं कि एक सप्ताह के भीतर प्राचार्य पदों की डीपीसी कर खाली पदों को भरा जाए। साथ ही नए सत्र का शैक्षणिक कैलेण्डर जारी कर प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू की जाए।
समर्थ पोर्टल संचालन का जिम्मा विश्वविद्यालयों को
बैठक में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए समर्थ पोर्टल के संचालन की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों को सौंपी गई है। डॉ. रावत ने निर्देश दिए कि अब प्रवेश प्रक्रिया और अन्य गतिविधियाँ विश्वविद्यालय स्वतंत्र रूप से संचालित करेंगे। किसी प्रकार के विवाद की स्थिति में ही शासन हस्तक्षेप करेगा।
सचिव ने बताया कि इस संबंध में जल्द ही आदेश जारी किया जाएगा और शैक्षणिक कैलेण्डर के साथ समर्थ पोर्टल भी खुल जाएगा, जो प्रवेश प्रक्रिया समाप्त होने तक खुला रहेगा।
बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी:
सचिव उच्च शिक्षा रणजीत सिन्हा, कुलपति कुमाऊँ विश्वविद्यालय: प्रो. डी.एस. रावत, कुलपति श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय: प्रो. एन.के. जोशी, निदेशक उच्च शिक्षा: प्रो. के.के. पाण्डेय, विक्रम सिंह यादव, ब्योमकेश दुबे, दीपक कुमार, ए.एस. उनियाल, डॉ. डी.एस. बिष्ट आदि मौजूद रहे।